प्रतापगढ़ : सरकारी धान की कुटाई को लेकर प्रदेशभर के राइस मिल मालिकों में भारी नाराजगी है. यह नाराजगी उनकी कुछ मांगों को लेकर है. इसे लेकर राइस मिल्स वेलफेयर एसोसिएशन ने सरकारी क्रय केंद्रों का धान कूटने से मना कर दिया है. वहीं, बहिष्कार को लेकर राइस मिलर्स को सरकार की तरफ से नोटिस थमा दिया गया.
इसके विरोध में एसोसिएशन के कई सदस्य बुधवार को जिला विपणन अधिकारी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए. वहीं, धरने पर बैठे एसोसिएशन के लोगों ने धान की कुटाई का रेट बढ़ाने की मांग की. साथ ही दस सूत्री मांगों के साथ जिला विपणन अधिकारी को ज्ञापन सौंपा.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के कई जिलों में कुटाई का रेट बढ़ाने को लेकर राइस मिलर सड़कों पर उतर आए हैं. इस क्रम में प्रतापगढ़, चंदौली, अंबेडकरनगर के साथ प्रयागराज में भी यह विरोध देखने को मिला.
प्रतापगढ़ के राइस मिलर्स ने कुटाई का रेट बढ़ाने की मांग को लेकर क्रय केंद्रों का धान कूटने से इनकार कर दिया है. राइस मिलर्स के इस कदम के चलते जिला विपणन अधिकारी ने सभी को नोटिस जारी किया था.
इस नोटिस के खिलाफ बुधवार को राइस मिल वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार चौरसिया के साथ कई मिल संचालक जिला विपणन अधिकारी कार्यालय पर धरने पर बैठ गए. इनका कहना था कि राइस मिल कृषि आधारित उद्योग होने के बाद भी बदहाली के कारण घाटे में है.
बीस सालों से सिर्फ दस रुपये प्रति क्विंटल कुटाई दी जा रही है. दो साल से समय पर चावल देने पर सिर्फ बीस रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि दी जा रही है. वहीं डीजल और मशीन के कल पुर्जों की कीमत कई गुणा बढ़ गई है. उनका कहना है कि प्रोत्साहन राशि बढ़ाकर 250 रुपये प्रति क्विंटल की जानी चाहिए.