प्रतापगढ़ःबिहार से शुरू हुए रामचरितमानस की चौपाइयों पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और उत्तर प्रदेश के सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद अब प्रतापगढ़ के रानीगंज विधानसभा से सपा विधायक आरके वर्मा ने भी श्रीरामचरित मानस की चौपाइयों को लेकर एक विवादित ट्वीट कर दिया है. जिसको लेकर अब हंगामा शुरू हो गया है. आर के वर्मा ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का समर्थन करते हुए रामचरितमानस विवादित चौपाइयों को हटाने के साथ तुलसीदास को सिलेबेस से हटाने की मांग की है.
रानीगंज विधानसभा क्षेत्र से सपा विधायक आरके वर्मा ने ट्वीट करते हुए लिखा "तुलसीदास भेदभाव, ऊंचनीच, छुआछूत, गैरबराबरी की मानसिकता से ग्रसित कवि थे. जिनकी रामचरित मानस की अनेको चौपाइयां जो संविधान विरोधी हैं. उससे आज का पिछड़ा, अनुसूचित, महिला व संत समाज अपमानित होता है. ऐसी चौपाइयों को हटाने के साथ तुलसीदास को छात्रों के पाठ्यक्रम से हटाया जाना चाहिए. विधायक आरके वर्मा ने रामचरितमानस से उन चौपाइयों को हटाने की मांग की है. जिसपर एक जाति विशेष को आपत्ति है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा है कि स्कूलों में पाठ्यक्रम से तुलसीदास को हटाया जाना चाहिए.'बता दें कि पूर्व मंत्री एवं सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीते दिनों कहा था कि कई करोड़ लोग रामचरित मानस को नहीं पढ़ते हैं, ये सब बकवास है. यह तुलसीदास ने अपनी खुशी के लिए लिखा है. उन्होंने कहा था कि सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से जो आपत्तिजनक अंश है. उसे बाहर कर देना चाहिए या इस पूरी पुस्तक को ही बैन कर देना चाहिए. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि तुलसीदास की रामचरितमानस में कुछ अंश ऐसे हैं, जिनपर हमें आपत्ति है. क्योंकि किसी भी धर्म में किसी को भी गाली देने का कोई अधिकार नहीं है.