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वीवीपैट भवन के निर्माण कार्य की धीमी प्रगति, कारण बताओ नोटिस जारी - प्रतापगढ़ न्यूज

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के जिलाधिकारी डॉ. नितिन बंसल ने वीवीपैट भवन के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया. इस दौरान निर्माण कार्य की धीमी प्रगति पर डीएम ने आवास विकास परिषद के अधिशासी अभियंता एवं जूनियर इंजीनियर को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया.

कार्य का निरीक्षण करते जिलाधिकारी.
कार्य का निरीक्षण करते जिलाधिकारी.

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Published : Jan 13, 2021, 12:19 AM IST

प्रतापगढ़: जिलाधिकारी डॉ. नितिन बंसल ने मंगलवार को गायघाट रोड पर निर्माणाधीन वीवीपैट भवन का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान भवन निर्माण कार्य में बहुत कम संख्या में मजदूर एवं मिस्त्री कार्य कर रहे थे, जिस पर जिलाधिकारी ने वीवीपैट भवन के निर्माण के प्रारंभ होने एवं भवन निर्माण की लागत के संबंध में आवास विकास परिषद के एई से जानकारी ली.

एई द्वारा बताया गया कि मार्च 2019 से निर्माण कार्य प्रारंभ है. इसकी लागत रुपये 2.59 करोड़ है, जिसके सापेक्ष रुपये 1.29 करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई है. रुपये 1.25 करोड़ की धनराशि अब तक खर्च की जा चुकी है. जिलाधिकारी ने कहा कि निर्माण कार्य को प्रारम्भ हुए लगभग दो वर्ष का समय पूर्ण होने वाले और निर्माण कार्य की प्रगति बहुत ही धीमी है.

इस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुये आवास विकास परिषद के अधिशासी अभियंता आईबी गोंड एवं जूनियर इंजीनियर प्रमोद कुमार यादव को कारण बताओ नोटिस जारी करने हेतु निर्देशित किया. इसी प्रकार जिलाधिकारी ने मौके पर उपस्थित आवास विकास परिषद के एई अतुल चंद्र श्रीवास्तव को निर्देशित किया कि निर्माण कार्य में तेजी लाई जाए, जिससे जल्द से जल्द कार्य पूर्ण किया जा सके.

जिलाधिकारी ने इस दौरान गायघाट रोड पर स्थित ट्रामा सेंटर पर पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. जिलाधिकारी ने ट्रामा सेंटर के पास नेशनल हाईवे सड़क निर्माण कार्य में कितने ग्राम सभाओं के कास्तकारों की जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है और उनके मुआवजे की धनराशि के वितरण की प्रगति के संबंध में मुख्य राजस्व अधिकारी इन्द्र भूषण वर्मा से जानकारी ली.

मुख्य राजस्व अधिकारी इन्द्र भूषण वर्मा ने बताया कि नेशनल हाईवे के निर्माण हेतु 17 राजस्व ग्रामों के कास्तकारों की जमीन का अधिग्रहण सड़क निर्माण हेतु किया गया है. रुपये 85 करोड़ की धनराशि का वितरण कास्तकारों को किया जाना है, जिसमें से प्राप्त रपये 54 करोड़ की धनराशि का वितरण कास्तकारों को कर दिया गया है. अवशेष धनराशि प्राप्त होने पर बचे हुये कास्तकारों को धनराशि का वितरण कर दिया जाएगा.

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