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सरेआम सीमेंट की हो रही चोरी, अधिकारियों पर मिली भगत का आरोप

यूपी के प्रतापगढ़ जिले में सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के ड्रीम प्रोजेक्ट में ऊपर से नीचे तक लूट मची हुई है. वित्तीय अनियमितता के बाद मेडिकल कॉलेज के निर्माण में अब निर्माण सामग्री की चोरी का मामला सामने आया है, जिससे जिले में हड़कंप मच गया है

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Published : Feb 12, 2021, 9:46 AM IST

निर्माण सामग्री चोरी.
निर्माण सामग्री चोरी.

प्रतापगढ़:जिले में सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट में ऊपर से नीचे तक लूट मची हुई है. वित्तीय अनियमितता के बाद मेडिकल कालेज निर्माण में घटिया मटेरियल के बाद निर्माण सामग्री की भी चोरी का सनसनी खेज मामला सामने आया है. टेंडर पाने वाली संस्था UPRNN लिमिटेड के काम को लेकर सदर विधायक सीएम योगी को शिकायत की.

प्रतापगढ़ जनपद के केशवराय में बन रहे सीएम योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितता, घटिया मटेरियल के इस्तेमाल को लेकर सदर विधायक राजकुमार पाल ने सीएम योगी से शिकायत की, लेकिन उनकी शिकायत को नजरअंदाज करके लगातार घटिया सामग्री का इस्तेमाल करने का काम किया जा रहा है.

सीएम योगी से शिकायत
सोमवार देर शाम सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ. जिसमें मेडिकल कॉलेज के नॉट फॉर सेल की सीमेंट लेकर ट्रैक्टर ड्राइवर, मेडिकल कॉलेज निर्माण एजेंसी के प्रोजेक्ट मैनेजर नवीन मिश्रा के ड्राइवर राम आसरे के घर महकनी जा रहा था, लेकिन रास्ते में उसे सिविल लाइन चौकी इंचार्ज ने पकड़ लिया और ड्राइवर को हिरासत में ले लिया. जिसकी जानकारी होने के बाद सदर विधायक राजकुमार पाल ने मीडिया से रूबरू होते हुए बताया कि वह कुछ दिन पहले सीएम योगी से मिलकर मेडिकल कॉलेज में हो रही धांधली की शिकायत की थी, लेकिन प्रतापगढ़ का प्रशासनिक अमला सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है और ऐसे फर्म के ठेकेदारों के ऊपर कोई कार्रवाई करने की बजाय मामले में लीपापोती की जा रही है, जिसे सरकार की छवि धूमिल हो रही है. उन्होंने आरोप लगाया है कि मेडिकल कालेज के निर्माण में अभी तक तो घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा था, लेकिन अब रेती गिट्टी और सीमेंट भी बेची जा रही है, जिसकी शिकायत वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से करेंगे.

वहीं, बेहद संवेदनशील मामले में प्रशासनिक अमला कुछ भी बोलने से साफ बच रहा है. बता दें कि सोमवार दोपहर को पकड़ा गया ट्रैक्टर सुबह तक सिविललाइन चौकी पर खड़ा रहा. जिसे पुलिस की निगरानी में वापस इसलिए भेज दिया गया क्योंकि कंस्ट्रक्शन कंपनी ने गेटपास जिला अस्पताल का दे दिया, जबकि ड्राइवर के पास कोई गेटपास नहीं था और न ही जिला अस्पताल परिसर में अभी नींव खोदी गई है और न ही निर्माण शुरू हुआ है.

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