प्रतापगढ़: शहर के रोडवेज बस अड्डे पर श्रमिकों का लगातार आना जाना लगा हुआ है. बसें लगातार गैर राज्यों से आ रहे श्रमिकों को लाने और ले जाने का काम कर रही हैं. बस अड्डे पर ही एक किनारे गंदगी के बीच श्रमिकों का खाना बन रहा है. प्रतिदिन यहां 2 हजार श्रमिकों का खाना बनता है. नगर पालिका ने बाकायदा इसका ठेका दिया हुआ है. ठेकेदार अंशू श्रीवास्तव को भोजन बनाने का ठेका है. भोजन भी तय किया गया है, जिसमें एक डिब्बे में 6 पूड़ी, पर्याप्त सब्जी और एक मिठाई (लड्डू या पेठा) शामिल हैं.
प्रतापगढ़: श्रमिकों को मिल रहा बासी भोजन, जिला प्रशासन की व्यवस्था बदहाल
प्रतापगढ़ में बाहर से आ रहे श्रमिकों को बासी और दूषित खाना खाने को मिल रहा है. जिला प्रशासन श्रमिकों को सही और पेट भर भोजन देने की बात करता है, लेकिन भोजन की जिम्मेदारी लेने वाली नगर पालिका की व्यवस्था चौपट है. 24 घंटे पहले बनी सब्जियां, 14 घंटे पहले बनी 6 पूड़ियों के सहारे श्रमिकों का पेट भरने का काम हो रहा है.
गुरुवार शाम की बनी पूड़ियां आज सुबह पैक होती पाई गईं. मिठाई के नाम पर डिब्बे में कुछ नहीं था. पन्नियों में लिपटी सब्जी दी जा रही है. श्रमिकों के भोजन की व्यवस्था में काफी लापरवाही देखने को मिल रही है. जिलाधिकारी प्रतापगढ़ रूपेश कुमार लगातार श्रमिकों के भोजन की व्यवस्था को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों को सलाह दे रहे हैं. कुछ दिन पहले श्रमिकों की भोजन व्यवस्था को लेकर जिलाधिकारी ने नगर पालिका ईओ और डीएसओ को जम कर फटकार भी लगाई थी. उसके बाद भी श्रमिकों को बासी और दूषित खाना वितरित किया जा रहा है, जबकि शासन ने श्रमिकों के भोजन व्यवस्था को लेकर जिले में पर्याप्त बजट दिया है.
दूसरे राज्यों से अपने घरों को लौट रहे कामगार वैसे भी भूख और बेबसी के मारे हैं. ऐसे में इनके खाने-पीने को लेकर संवेदनहीनता दुर्भाग्यपूर्ण है. इस मामले पर अधिशासी अधिकारी नगर पालिका मुदित सिंह ने बताया कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. वे खुद मामले की जांच करने की बात कह रहे हैं. श्रमिकों के भोजन को लेकर कोई गड़बड़ी नहीं की जाएगी, जो भी ठेकेदार गड़बड़ी करते पाए जाएंगे उन पर कार्रवाई होगी.