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लैब असिस्टेंट और वार्ड बॉय के भरोसे चल रहा अस्पताल, स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की खुली पोल - Hospital in Pratapgarh

प्रतापगढ़ जिले के पहाड़पुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की जगह लैब असिस्टेंट और वार्ड बॉय इलाज कर रहा है. ऐसे में मरीजों को उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है.

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पहाड़पुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

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Published : Mar 27, 2023, 6:04 PM IST

अस्पताल में नहीं हैं डॉक्टर.

प्रतापगढ़ःउत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर योगी सरकार लगातार कई अहम कदम उठा रही है, जिससे मरीजों को सुचारू रूप से इलाज मुहैया कराई जा सके. वहीं, प्रतापगढ़ जिले के लालगंज ब्लॉक के पहाड़पुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर सरकार की मंशा पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं. यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केवल एक लैब असिस्टेंट और वार्ड बॉय के भरोसे चल रही है.

लापरवाही का आलम यह है कि यहां पर तैनात डॉक्टर रामराज सरोज महीने-महीनेभर आते ही नहीं हैं, जिसके चलते आसपास के मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मरीजों का कहना है कि अस्पताल में मरीजों का इलाज लैब असिस्टेंट और वार्ड बॉय करते हैं, जबकि यहां पर एक डॉक्टर फार्मासिस्ट समेत 5 स्वास्थ्यकर्मियों को नियुक्त किया गया है. फिर भी अक्सर डॉक्टर के कमरे में ताला लटकता हुआ मिलता है.

दरअसल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर रामराज सरोज पदस्थ हैं, लेकिन मरीजों का कहना है कि वह तकरीबन 6 महीने से अस्पताल नहीं आ रहे हैं. अस्पताल में इलाज कराने पहुंची मरीज अमीना बानो ने बताया कि 'यहां सिर्फ दो लोग (वार्ड बॉय और लैब असिस्टेंट) मिलते हैं और कोई डॉक्टर नहीं रहते हैं. हम दवा के लिए 6-7 महीने से आ रहे हैं. मेरे पूरे चेहरे में दाद, खुजली हुई थी. जिसके लिए हम लगातार यहां आ रहे हैं, लेकिन इन दो लोगों के अलावा कोई नहीं मिलता'.

इलाज के लिए आई एक बुजुर्ग महिला ने बताया कि 'डॉक्टर कभी नहीं मिलते हैं. हम जब-जब आए, हमें डॉक्टर कभी नहीं मिले. उन्होंने बताया कि हम यहां आते हैं और इन दो लोगों (वार्ड बॉय और लैब असिस्टेंट) से दवाई लेकर चले जाते हैं. एक बार बहुत पहले कोई डॉक्टर मिले थे, अब पता नहीं आते हैं कि नहीं. आज भी दिखाने आए हैं तो डॉक्टर साहब नहीं हैं'.

वहीं, अस्पताल में तैनात लैब असिस्टेंट राममणि तिवारी ने बताया कि 'यहां मैं और वार्ड बॉय अनुराग सिंह दोनों लोग हैं. डॉक्टर यहां हैं, लेकिन वे ट्रामा सेंटर लालगंज में अटैचमेंट हैं. इस समय वो वहीं पर है'. उन्होंने बताया कि 'जब कोई मरीज आता है और पर्ची में दवा लिखी रहती है तो अस्पताल में उपलब्ध दवा उसे दी जाती है. अगर कोई गंभीर हालत में आता है तो उसे लालगंज सीएचसी भेज देता हूं'. लैब असिस्टेंट ने बताया कि डॉक्टर के न रहने से मरीजों को काफी असुविधा होती है. हालांकि जब फार्मासिस्ट मौजूद होते हैं तो इलाज करते हैं, फिलहाल वह बीमार हैं और छुट्टी पर हैं.

सीएचसी अधीक्षक लालगंज अरविंद गुप्ता ने बताया कि 'ऐसा नहीं है कि डॉक्टर 6 महीने से नहीं आ रहे हैं. मैं भी समय-समय पर विजिट करता हूं, हमें पता है कि वास्तविकता क्या है. डॉक्टर वहां पर हैं, लेकिन इस समय थोड़ी सी दिक्कत है कि हफ्ते में केवल तीन दिन डॉक्टर जा रहे हैं, क्योंकि एक डॉक्टर मेडिकल पर हैं'. उन्होंने बताया कि सीएचसी में लोड ज्यादा होने की वजह से डॉक्टर रामराज को यहां तीन दिन के लिए अटैच किया गया है.

उनका कहना है कि चिकित्सा अधिकारी की सलाह से फार्मासिस्ट और लैब असिस्टेंट प्राथमिक उपचार दे सकते हैं, उसकी कोई दिक्कत नहीं है. वहीं, मामले को लेकर सीएमओ जीएम शुक्ला ने कहा कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मामले में जांच के बाद उचित कार्रवाई निश्चित तौर पर की जाएगी.

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