प्रतापगढ़: जिले की बाबागंज सुरक्षित विधानसभा सीट जिस पर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की इज्जत दांव पर लगी होती है. ये भी कहावत है कि राजा भैया जिसे चाहते हैं, वही इस सीट से चुनाव जीतता है. हालांकि राजा भैया के आशीर्वाद से लगातार 3 बार से वनोद सरोज बाबागंज सुरक्षित विधानसभा सीट पर चुनाव जीतते आ रहे हैं.
बता दें कि राजा भैया ने रामनाथ सरोज को अपने संरक्षण व आशीर्वाद के साथ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में दो विधानसभा का चुनाव लड़वाया था, जिसमें उन्हें रिकॉर्ड वोटों से जीत हासिल हुई थी, लेकिन तीसरा विधानसभा चुनाव लड़ने से पूर्व ही रामनाथ सरोज का निधन हो गया. इसके बाद राजा भैया ने विनोद सरोज पर भरोसा करते हुए 2007 से लेकर 2017 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में बाबागंज विधानसभा से उन्हें प्रत्याशी बनाया. तीनों विधानसभा चुनाव में विनोद सरोज राजा भैया की उम्मीदों पर खरे उतरे और लगातार तीनों चुनावों में जीत हासिल की.
बड़ी दिलचस्प बात यह है कि समाजवादी पार्टी कुंडा और बाबागंज विधानसभा सीट पर अपने प्रत्याशी नहीं उतारती थी. ये दोनों सीटें वह राजा भैया के लिए छोड़ देती थी. हालांकि राजा भैया ने जब से अगल पार्टी 'जनसत्ता दल लोकतांत्रिक' बनाई है तब से राजा भैया और समाजवादी पार्टी की राहें जुदा हो गई हैं. इस बार दोनों विधानसभा सीटों पर राजा भैया को कड़ी टक्कर मिल सकती है. समाजवादी पार्टी इन दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशी जरूर उतारेगी. ऐसे में राजा के साथ-साथ विनोद सरोज के लिए चुनाव जीतना आसान नहीं होगा.
कहा जाता है कि विधानसभा चुनाव के दौरान राजा भैया अपनी खुद की कुंडा विधानसभा सीट से ज्यादा बाबागंज विधानसभा सीट पर चुनाव प्रचार में लगे रहते हैं. प्रत्याशी तो विनोद सरोज होते हैं, लेकिन चुनाव राजा भैया लड़ रहे होते हैं. इस सीट पर राजा भैया की इज्जत दांव पर लगी होती है. इस बार 2022 विधानसभा चुनाव में बाबागंज विधानसभा सीट से विधायक विनोद सरोज 'जनसत्ता दल लोकतांत्रिक' के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरेंगे. इस समय वह जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं.