प्रतापगढ़:कभी मायावती सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना में शामिल रही कांशीराम शहरी आवासीय योजना योगी सरकार में अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है. जिला महिला अस्पताल के बगल स्थित कांशीराम आवासीय कॉलोनी में अव्यवस्थाओं की भरमार है. कॉलोनी की सड़कों पर जलजमाव और गंदगी स्वच्छता अभियान की पोल खोल रहा है, तो वहीं यहां के निवासियों को पीने के पानी के लिए भी जद्दोजहद करनी पड़ रही है.
कांशीराम आवास योजना का हाल
कांशीराम आवासों में न तो साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था है और न ही शुद्ध पेयजल आपूर्ति है. इस कोरोना काल में जहां 'स्वच्छता ही बचाव' है, का नारा बुलंद किया जा रहा है, वहीं वार्ड नंबर-25 स्थित आवास योजना के लोग गंदगी के बीच रहने को मजबूर हैं. यहां रह रहे एक हजार से ज्यादा परिवार के लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं.
मायावती सरकार में मिला था आवास
कांशीराम आवास में रह रहे लोगों ने बताया कि उन्हें मायावती सरकार में यह आवास मिला था. उस वक्त सारी सुविधाएं उपलब्ध थीं. सरकार बदलने के बाद सब बदहाल हो गया. यहां न तो साफ-सफाई के लिए नगरपालिका की तरफ से कोई सफाईकर्मी आता है, न ही पीने का शुद्ध पानी मिल रहा है, जबकि पहले जब मायावती सरकार थी, तो रोजाना इन कॉलोनियों में साफ-सफाई होती थी. अब कॉलोनियों में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है.
लोगों ने बताया कि इस कॉलोनी में आने-जाने वाले प्रमुख संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. बारिश के दिनों में स्थिति बद से बदतर हो जाती है. जल निकासी की सुविधा न होने के चलते कीचड़ युक्त और पानी भरे रास्तों से गुजरना पड़ रहा है. कभी-कभी लोग गिरकर घायल भी हो जा रहे हैं.
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