प्रतापगढ़: शुक्रवार को डीएम आवास पर साढ़े चार घंटे धरना देने वाले निलंबित एसडीएम विनीत उपाध्याय के आरोपों की जांच शुरू हो गई है. एसडीएम ने लालगंज इलाके के धधुआगाजन में फर्जी तरीके से चार स्कूलों के संचालन का आरोप लगाया था. एसडीएम के आरोप पर डीएम ने शिक्षा विभाग के अफसरों से मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा है. राजस्व विभाग की जांच में यह सामने आया है कि स्कूल सार्वजनिक या फिर सरकारी जमीन कब्जा कर नहीं बनाया गया है. वहीं निलंबित एसडीएम ने तत्कालीन एसडीएम मोहनलाल पर भी सड़क किनारे फर्जी ढंग से डेढ़ सौ आवासीय और कृषि पट्टे करने का आरोप लगाया था. इस मामले में भी जांच शुरू हो गई है.
अतिरिक्त एसडीएम विनीत उपाध्याय ने शुक्रवार को सदर एसडीएम मोहनलाल गुप्ता, एडीएम शत्रोहन वैश्य पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. साथ ही डीएम रूपेश कुमार पर इन्हें संरक्षण देने का आरोप लगाया था. साथ ही इस मामले को लेकर विनीत उपाध्याय अपनी पत्नी के साथ डीएम आवास पर धरने पर बैठ गए थे. वह करीब साढ़े चार घंटे तक डीएम के चेम्बर में धरने पर बैठे रहे.
देर शाम मामले की जानकारी होने पर शासन ने उन्हें निलंबित कर दिया था. एसडीएम विनीत उपाध्याय का आरोप था कि लालगंज में तैनाती के दौरान वकीलों से हुए विवाद में जांच अधिकारी बनाए गए एडीएम शत्रोहन वैश्य ने एकतरफा रिपोर्ट भेजी है. रिपोर्ट में उनका पक्ष नहीं रखा गया है. लालगंज में एसडीएम रहते हुए उन्होंने भ्रष्टाचार के कई मामलों में कार्रवाई की थी. धधुआगाजन गांव के शिक्षा माफिया के खिलाफ उन्होंने कार्रवाई के लिए रिपोर्ट शासन को भेजी है. शिक्षा माफिया इस गांव के नाम पर चार स्कूलों की मान्यता लेकर सांगीपुर में स्कूलों का संचालन कर रहा है.