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प्रतापगढ़: 25 नवंबर से सहालग शुरू, बैंड वालों में जगी उम्मीद - प्रतापगढ़ न्यूज

25 नवंबर से सहालग शुरू हो जाएगी. इसलिए इसको लेकर अब बैंड वादकों और कर्मचारियों में उम्मीद जगी है कि उनकी समस्याएं दूर हो जाएंगी. बैंड वादकों ने कहा कि समारोह में सरकार द्वारा जारी कोरोना गाइडलाइन्स का पालन किया जाएगा.

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बैंड वादकों में जगी उम्मीद की किरण

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Published : Nov 6, 2020, 12:56 PM IST

प्रतापगढ़: कोविड-19 के चलते मार्च में लॉकडाउन घोषित किया गया था. इसके चलते विवाह समारोह आदि कार्यक्रमों पर भी रोक लगा दी गई थी. इससे बैंड वादकों के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई थी. वहीं अनलॉक-5 के बाद अब नवंबर में सहालग शुरू हो जाएगी. 25 नवंबर से शादी सीजन शुरू होने से इससे जुड़े लोगों के चेहरे खिल उठे हैं. समारोह के लिए तमाम तरह की बुकिंग हो रही हैं. इससे बैंड वादकों में खुशी की लहर है.

जानकारी देते बैंड वादक.

कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा

एक बैंड संचालक के यहां 15 से 20 कर्मचारियों को रोजगार मिलता है. इसके अलावा रोड लाइट में भी 8 से 10 श्रमिक लगते हैं. इस तरह बैंड व्यवसाय से 100 से अधिक लोगों के परिवार का भरण-पोषण होता है. बैंड वादक हैदर अली ने बताया कि सहालग शुरू होने से रोजगार प्राप्त होगा और पहले जैसी व्यवस्था होने की उम्मीद लग रही है. इससे परिवार के कष्ट दूर होंगे और रोजी-रोटी की समस्या नहीं होगी. उन्होंने बताया कि कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया जाएगा. बैंड वादक मोहनलाल ने कहा कि सहालग शुरू होने से उनके लिए रोजी-रोटी की व्यवस्था हो जाएगी और अनेकों प्रकार के काम बनने की उम्मीद है.

लॉकडाउन से ठप हो गया व्यवसाय
बैंड संचालक रविशंकर ने बताया कि लॉकडाउन से व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो गया है. बैंड में काम करने वाले कर्मचारियों को 80 फीसदी मजदूरी एडवांस देनी पड़ती है. एक कर्मचारी पर कम से कम दो हजार रुपये खर्च होते हैं. मार्च में सहालग के चलते कर्मचारियों को एडवांस दे दिया गया था. इसके बाद लॉकडाउन लगने से बुकिंग कैंसिल हो गई. अब कर्मचारियों को एडवांस देते समय यह शर्त रखी जाती है कि उनकी बुकिंग होने पर वह अपने हिस्से का काम करेंगे. बुकिंग कैंसिल होने या बैंड न बजने पर कर्मचारी लिया हुआ पैसा वापस नहीं देंगे और न ही अगली सहालग में पैसा काटा जाएगा.

कारीगर नवाब का कहना है कि लॉकडाउन में मजबूरन मजदूरी करनी पड़ी थी और अब थोड़ी आस जगी है कि सहालग चलने से थोड़ी राहत मिलेगी. नवंबर में सहालग होने से नुकसान की भरपाई होने की उम्मीद है. कोविड-19 प्रोटोकॉल पालन के लिए इंतजाम किए जा रहे हैं.

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