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प्रतापगढ़: पंचायत भवनों और सामुदायिक शौचालयों के निर्माण कार्य की समीक्षा - पंचायत भवनों और सामुदायिक शौचालयों के निर्माण की समीक्षा

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में डीएम ने पंचायत भवनों और सामुदायिक शौचलयों के निर्माण कार्य की समीक्षा की. इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि, पंचायत भवनों और सामुदायिक शौचालयों का निर्माण ऐसे स्थानों पर किया जाए जहां आम जनता इसका ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर सके.

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अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करते डीएम

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Published : Sep 14, 2020, 1:51 AM IST

प्रतापगढ़: जिलाधिकारी के कैंप कार्यालय के सभागार में डीएम डॉ. रूपेश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन एवं सामुदायिक शौचालय के निर्माण के सम्बन्ध में समीक्षा की गई. जनपद के सभी ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय एवं 344 ग्राम पंचायतों में नए पंचायत भवन का निर्माण कराया जाना है. बैठक के दौरान जिला पंचायती राज अधिकारी ने बताया कि, जिले की 109 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन का निर्माण कार्य प्रारम्भ करा दिया गया है. साथ ही जिले की 1135 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण प्रारम्भ कर दिया गया है, अन्य स्थानों पर जमीन विवाद के कारण भूमि उपलब्ध नहीं होने के चलते कार्य बाधित हो रहा है.

महत्वपूर्ण बिंदु-

  • पंचायत भवनों और सामुदायिक शौचालयों के निर्माण की डीएम ने की समीक्षा
  • डीएम ने अधिकारियों को दिए निर्देश, निर्माण कार्य की गुणवत्ता से ना हो समझौता
  • जिले की 344 ग्राम पंचायतों में होना है पंचायत भवनों का निर्माण, 109 में कार्य शुरू
  • जिले की सभी ग्राम पंचायतों में होना है सामुदायिक शौचलयों का निर्माण, 1135 में कार्य शुरू

डीएम ने अधिकारियों को दिए निर्देश

डीएम ने बैठक में मौजूद सभी उपजिलाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सामुदायिक शौचालय एवं पंचायत भवन के निर्माण के लिए प्राथमिकता के आधार पर जमीन उपलब्ध कराएं. साथ ही उन्होंने एडीओ पंचायत और खण्ड विकास अधिकारी को निर्देश दिया कि जिन ग्राम पंचायतों में जमीन को लेकर विवाद है उसकी सूची बनाकर व्यक्तिगत रूप से उपजिलाधिकारी से सम्पर्क करें और उसका त्वरित निस्तारण कराएं.

गुणवत्ता ना हों समझौता- डीएम

इसके अलावा डीएम ने कहा कि, जो भी निर्माण कार्य कराये जा रहे हैं उसकी गुणवत्ता से कोई समझौता न किया जाए, विकास खण्ड के अवर अभियन्ता से उसका लेआउट बनवाकर उसकी तकनीकी गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए. इसके साथ ही जिलाधिकारी ने यह भी निर्देशित किया कि जिन ग्राम पंचायतों में पर्याप्त जमीन उपलब्ध नहीं है वहां मिनी पंचायत भवन का निर्माण कराया जा सकता है. इसके साथ ही डीएम ने कहा कि पंचायत भवन और सामुदायिक शौचालय को ऐसे स्थानों पर बनाया जाए जहां इनका आम जनता अधिक से अधिक उपयोग कर सके. उन्हें आबादी से बहुत दूर न बनाया जाए. बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अश्विनी कुमार पाण्डेय सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे.

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