प्रतापगढ़: राजा और रियासत वाले इस जिले में विकास के नाम पर केवल राजनीति होती रही है. ऐसे में पहली बार वन विभाग ने सरकार के पास इस बायोडायवर्सिटी पार्क की योजना भेजी, जिसे स्वीकार कर लिया गया है. शहर से सटे हुए वन विभाग कार्यालय के पास इस बायोडायवर्सिटी पार्क का निर्माण होगा. वन विभाग का कार्यालय रंजीतपुर चिलबिला में घने जंगलों के बीच है.
करोड़ों की लागत से बनेगा बायोडायवर्सिटी पार्क. यूं तो राजनैतिक रूप में प्रतापगढ़ जिले का बड़ा नाम है. यहां के राजा महाराजा और रियासतदार देश और प्रदेश में बड़े ओहदों पर रह चुके हैं. मगर कभी किसी ने जिले के विकास और लोगों की जरूरतों के बारे में नहीं सोचा. पूरे जिले में नगर पालिका का एक अव्यवस्थित और बदहाल कंपनी गार्डन है, जहां लोग जाने से कतराते हैं. लेकिन यह योजना, इस कोरोना काल में जिले के लिए एक सौगात लेकर आई है.
जिला वन अधिकारी ने दी जानकारी
जिला वन अधिकारी बीआर अहिरवार की तीन सालों की मेहनत का नतीजा है कि एक बड़े पार्क की अनुमति सरकार से मिली है. 42.50 हेक्टेयर में यह पार्क बनेगा. 2023-2024 के बीच यह बनकर तैयार होगा. इसकी कुल लागत 8 करोड़ 27 लाख होगी. इस पार्क में वाच टावर, हर्बल गार्डेन, चारों तरफ छोटी नहरें, सड़कें, झूले, चैकडेम, हर्बल मेडिकल नर्सरी, बटर फ्लाई पार्क, जल संरक्षण केंद्र जैसी तमाम व्यवस्थाएं रहेंगी. बायोडायवर्सिटी पार्क का गेट काफी आकर्षक बनाया जाएगा.
जिला वन अधिकारी का कहना है कि शासन से पैसे आते ही कार्य शुरू हो जाएगा. सरकार की तरफ से हरी झण्डी मिल चुकी है. डीएफओ का कहना है कि करीब 12 साल पहले यहीं पर एक पार्क का निर्माण हुआ था, जिसमें लोग आते थे. शहर की भीड़-भाड़ से दूर प्रकृति की गोद में परिवार के साथ पिकनिक मानाते थे. धीरे-धीरे यहां की व्यवस्था बिगड़ने लगी. सुधार न होने की वजह से आज सब बदहाल हो गया है. अब सरकार की मनसा के अनुसार जल्दी ही कार्य शुरू होगा.
वहीं यहां के स्थानीय लोगों को ये सपने जैसा लग रहा है. परिवार के साथ खुशियां मनाने के लिए कहां जाएं. यही बात लोगों को अखरती थी. रंजीतपुर चिलबिला में प्रकृति के बीच एक आधुनिक पार्क की सूचना मिलने के बाद लोगों को खुशी का ठिकाना नहीं है.
इस कोरोना काल में सरकार द्वारा इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे देना बड़ी बात है. सालों से लोगों को एक उम्मीद थी, जिसे पूरा होने का वक्त आ गया है. अगर यह योजना सरकारी भ्रष्टाचार व राजनीति की भेंट नहीं चढ़ी, तो लोगों का एक पुराना सपना पूरा होगा. शहर से सटा वन विभाग का यह एरिया अपने प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है. शहर के विस्तार और विकास का यह जरिया भी बनेगा.