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पीलीभीत: लकड़ी माफियाओं ने काटे 100 से अधिक हरे-भरे पेड़, डीएम ने दिए जांच के आदेश

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Published : Jan 11, 2020, 6:00 AM IST

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जनपद से हरे पेड़ों के काटे जाने का मामला सामने आया है. वहीं जानकारी में आने पर जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं.

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काटे गए पेड़

पीलीभीत: जनपद में हरे-भरे पेड़ काटने का मामला सामने आया है. जिले के टाइगर रिजर्व के हरीपुर रेंज का मामला है, जहां पर लकड़ी माफियाओं ने वन विभाग और प्रशासन की आंखों में धूल झोंक कर 7 पेड़ों की परमिशन लेकर रातो रात 100 से भी अधिक हरे-भरे पेड़ों की अवैध कटान कर दी. वहीं मामला संज्ञान में आने पर जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने जांच के आदेश दिए हैं.

लकड़ी माफियाओं ने काटे 100 से अधिक हरे-भरे पेड़.

मोबाइल पर फर्जी अधिकारी का हवाला देकर घरों में लगे पेड़ भी कटवाए
हरिपुर जंगल से सटे गांव चंदिया हजारा, राहुल नगर, मजदूर बस्ती, कॉलोनी नंबर 6 में खड़े शीशम के हरे-भरे करीब 60 पेड़ काट दिए गए. घरों में खड़े पेड़ बिक्री करने से इनकार करने पर लकड़ी माफियाओं ने वन विभाग के अफसरों के आदेश का हवाला देकर मोबाइल पर उनसे बात कराने की बात कह कर कहा कि परमिट की चिंता न करो, परमिट हमारे पास है.

7 पेड़ों के परमिट की आड़ में काटे गए सैंकड़ों हरे पेड़
अवैध लकड़ी कटान की जांच कर रहे हरिपुर रेंजर राजकुमार शर्मा का कहना है कि जिस क्षेत्र में पेड़ काटे गए वह सामाजिक वानिकी का है, उन्होंने मौके पर टीम को भेजकर जांच भी करवाई थी, तब लकड़ी काटने वाले ने 7 पेड़ों के काटने का परमिट दिखाया दिया था. वहीं सामाजिक वन के रेंजर गोविंद राम का कहना है कि जो पेड़ काटे गए उनका परमिट है. हरिपुर रेंजर्स और राजस्व विभाग के अफसरों की रिपोर्ट के बाद परमिट जारी किए गया था, लेकिन सात पेड़ों के परमिट पर सैकड़ों की संख्या में पेड़ों का सफाया किया गया है.


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अवैध लकड़ी कटान मामले में वन विभाग की भूमिका संदिग्ध
हरिपुर जंगल के बाहर लगे पेड़ों को काटने में वन विभाग की मिलीभगत की भी बात सामने आ रही है. ग्रामीणों का आरोप है कि रेंजर फॉरेस्टर की मिलीभगत से यह पेड़ कटान कराई गई है.

मामला बेहद गंभीर है. भारी संख्या में हरे भरे पेड़ों को काटा गया है. फिलहाल पेड़ों की संख्या की पुष्टि अभी नहीं हो पाई है. जांच पूरी होने के बाद जो तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी और जो भी गलत पाया जाएगा, उसके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी.
- वैभव श्रीवास्तव, जिलाधिकारी

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