पीलीभीत: जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर बड़े पैमाने पर घोटाला सामने आया है. आरोप है कि पूरे जनपद में योजना के अंतर्गत गरीबों को मिलने वाले आवास अपात्रों को दिए जाने व अपात्रों के नाम सूची में शामिल किए जाने का मामला सामने आया है. शिकायत मिलने के बाद पीलीभीत के डीएम एक्शन में आ गए. जिला स्तरीय टीम का गठन कर मामले की जांच शुरू करा दी है. जिलाधिकारी ने बताया कि जांच आख्या आने के बाद कार्रवाई की जाएगी. इस सख्त कार्रवाई से जनपद के खंड विकास कार्यालयों में हड़कंप मचा हुआ है.
70 लोग पाए गए अपात्र
पीएम आवास योजना के नाम पर घोटाले का आरोप, डीएम ने दिए जांच के आदेश
यूपी के पीलीभीत जिले में पीएम आवास योजना के नाम पर बड़े पैमाने पर घोटाला करने का मामला सामने आया है. डीएम के आदेश के बाद मामले की जांच शुरू हो गई है. जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
बिलसंडा ब्लाक क्षेत्र के करेली गांव के रहने वाले कृष्ण कुमार शर्मा ने पीलीभीत के डीएम पुलकित खरे से शिकायत की थी. ग्राम प्रधान व ब्लॉक के अधिकारियों की सांठगांठ के चलते प्रधानमंत्री योजना के अंतर्गत पात्रता की श्रेणी में आने वाले लोगों को आवास न देकर अपात्र लोगों को आवास दे दिए गए. इसके बाद डीएम पीलीभीत ने जांच के आदेश दे दिए. बिलसंडा ब्लॉक के एडीओ आईएसबी वीके शर्मा ने गांव पहुंचकर 133 आवासों वाली पात्रता सूची की जांच की, जिसमें 70 अपात्र लोग पाए गए. इसकी रिपोर्ट एडीओ पंचायत ने खंड विकास अधिकारी नीरज दुबे को सौंप दी है. आवासों का सत्यापन करने वाले सचिव राजीव सक्सेना कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से बचते नजर आए.
डीएम ने दी जानकारी
पीलीभीत के डीएम पुलकित खरे का कहना है कि शिक्षा समिति की बैठक व अन्य जन सुनवाई में कई बार अपात्र लोगों को आवास दिए जाने की शिकायतें आई हैं. जनपद के जिन गांव में सबसे ज्यादा आवास दिए गए हैं उन गांव को चिन्हित किया गया है. उन गांवों के लिए जनपद स्तरीय अधिकारियों की टीम बनाई गई है. अगर कहीं गलतियां पाई जाती हैं तो उसे फिर से दुरुस्त किया जाएगा और जांच रिपोर्ट आते ही कार्रवाई की जाएगी.