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पीलीभीत टाइगर रिजर्व में अब सैलानियों को मिलेगी 'स्टे होम' की सुविधा - पीलीभीत टाइगर रिजर्व

यूपी का पीलीभीत टाइगर रिजर्व यहां आने वाले पर्यटकों को रात्रि विश्राम के लिए (stay-home) की सुविधा देने जा रहा है. प्रशासन का मानना है कि इससे पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा. इस योजना के लिए प्रशासन आस-पास के गांवों को चिंहित कर रहा है.

पीलीभीत टाइगर रिजर्व सैलानियों को देगा 'स्टे होम' की सुविधा.
पीलीभीत टाइगर रिजर्व सैलानियों को देगा 'स्टे होम' की सुविधा.

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Published : Oct 16, 2020, 8:12 PM IST

पीलीभीत:उत्तर प्रदेश का पीलीभीत जिला यहां स्थित टाइगर रिजर्व को लेकर विशेष पहचान रखता है. टाइगर रिजर्व में आने वाले पर्यटकों को ध्यान में रखते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व प्रशासन हर वर्ष कुछ न कुछ नया करता है, जिससे यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो. टाइगर रिजर्व प्रशासन ने इस बार पर्यटकों को विशेष सुविधा देने के लिए जंगल के आसपास के गांवों को चिंहित किया है. इसके चलते यहां आने वाले पर्यटकों को इन गांवों में स्टे होम (stay-home) की सुविधा दी जाएगी, जिससे घूमने आए पर्यटकों को रात्रि विश्राम के लिए आसानी से जगह मिल सके. इसको लेकर पीलीभीत टाइगर रिजर्व प्रशासन एक प्रारूप तैयार कर रहा है. इसके तहत सभी गाइडलाइंस बनाकर टाइगर रिजर्व सत्र चालू होने से पहले पूरी तैयारी की जा रही है.

पीलीभीत टाइगर रिजर्व सैलानियों को देगा 'स्टे होम' की सुविधा.

सत्र शुरू होने से पहले ही बुक हो जाते हैं गेस्ट हाउस
पीलीभीत टाइगर रिजर्व टाइगर का दीदार करने के लिए देश-प्रदेश के ही नहीं बल्कि विदेशों से लोग भी यहां पर आते हैं. पर्यटक टाइगर का दीदार करने के लिए यहां पर कई दिनों तक रुकते भी हैं. पीलीभीत टाइगर रिजर्व की सभी रेंज में अंग्रेजों के जमाने में बनाए गए गेस्ट हाउस बने हुए हैं, लेकिन पीलीभीत टाइगर रिजर्व के सत्र के चालू होते ही पहले से इन गेस्ट हाउस की बुकिंग हो जाती है.

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इसके साथ ही वन निगम द्वारा पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बनाई गईं झोपड़ियां भी पहले से ही बुक हो जाती हैं. इसके चलते अचानक पीलीभीत टाइगर रिजर्व आने वाले पर्यटकों को यहां ठहरने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसको देखते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व प्रशासन ने 'स्टे होम' की एक योजना तैयार की है. इस योजना के तहत पीलीभीत टाइगर रिजर्व के जंगल के आसपास के गांवों को 'स्टे होम' बनाया जा रहा है, जिसमें लोग अपने घर पर आने वाले पर्यटकों को रोकने के लिए कमरे मुहैया करा सकते हैं.

13 गांवों को किया गया चिन्हित
वन विभाग द्वारा पर्यटकों को स्टे होम की सुविधा मुहैया कराने के लिए अब तक टाइगर रिजर्व के आसपास के 13 गावों के चिंहित किया है. इसमें मथना, रानीगंज, मैनाोकोट, पिपरिया, संतोष, मल्लपुर, फुलहर, कटकवारा, रामनगरा, माला कॉलोनी, कंजाहरैया, गजरौला कला, बनकटी और महोफा शामिल हैं. इन घरों में पर्यटकों को रहने के लिए साफ-सुथरे कमरे मुहैया कराए जाएंगे.

स्टे होम योजना से पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
टाइगर रिजर्व प्रशासन की ओर से शुरू की गई 'स्टे होम' योजना से पीलीभीत टाइगर रिजर्व का पर्यटन बढ़ सकेगा. इसकी वजह यह है कि यहां अचानक आने वाले पर्यटकों को गेस्ट हाउस न मिलने से परेशानी नहीं होगी.

इस अवधि में चलता है पीलीभीत टाइगर रिजर्व का सत्र
पीलीभीत टाइगर रिजर्व टाइगर का दीदार करने के लिए सत्र 15 नवंबर से 15 जून तक चलाया जाता है. इस अवधि में लोग टाइगर रिजर्व का दीदार कर सकते हैं. इसके साथ ही आने वाले लोगों से टाइगर रिजर्व प्रशासन को अच्छा खासा राजस्व में भी प्राप्त होता है.

करोना के चलते बंद करना पड़ा था टाइगर रिजर्व
कोरोना महामारी के चलते टाइगर रिजर्व प्रशासन ने बीच में ही सत्र में रोक लगा दी थी. इसके चलते जून तक चलने वाले सत्र को मार्च में ही बंद करना पड़ा था. इसके बाद से रिर्जव अभी तक खोला नहीं गया है. बता दें कि 15 नवंबर से 17 मार्च तक चलने वाले सत्र में कोरोना के चलते 5,239 पर्यटकों को ही टाइगर रिजर्व का दीदार कर पाए थे. इससे पीलीभीत टाइगर रिजर्व को 9,84,400 रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था. इस टाइगर रिजर्व के इतिहास में अब तक का सबसे कम राजस्व है.

डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने दी जानकारी
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने बताया कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व का सत्र 15 नवंबर से चालू होने वाला है. इसको लेकर प्रशासन की तरफ से तमाम तैयारियां पूरी की जा रही है, जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को कोई परेशानी न हो. इसके साथ ही पर्यटकों को आसपास के गांवों के घरों में स्टे होम की सुविधा भी दी जाएगी. इसके लिए तमाम तैयारियां की जा रही हैं.

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