पीलीभीत: जनपद में ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है. कोरोना काल की आड़ में करोड़ों रुपये की गई अनियमितता की खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से चलाया था, जिसके बाद पंचायती राज निदेशालय से डायरेक्टर ने जिला विकास अधिकारी (DDO) योगेंद्र पाठक और अपर जिला पंचायत राज अधिकारी (ADPRO) प्रमोद कुमार यादव से 7 दिन के अंदर लिखित स्पष्टीकरण मांगा है. वहीं डीएम वैभव श्रीवास्तव ने DDO योगेंद्र पाठक से डीपीआरओ विभाग की वित्तीय पावर भी छीन कर CDO को सौंप दी है.
अनियमितता के बाद जिलाधिकारी ने छीने DDO के वित्तीय अधिकार जानें क्या है पूरा मामला
पीलीभीत विकास भवन में कोरोना काल की आड़ में अधिकारियों द्वारा करोड़ों रुपये की गई अनियमितता का मामला सामने आया है. यहां पर शासन स्तर से जनपद के घुंघचिआई, मानपुर बीसलपुर, संतोषपुर और बिलगंवा पर अंत्येष्टि स्थल बनाने के लिए 97 लाख 19 हजार 640 रुपये 7 अगस्त 2019 को भेज गए थे, लेकिन विकास भवन के उच्च अधिकारियों ने शासन की मंशा पर पलीता लगाते हुए कोई भी अंत्येष्टि स्थल का निर्माण नहीं कराया. जब 31 मार्च को 97 लाख 19 हजार 640 रुपये खर्च हो गए तब अधिकारियों ने मिलीभगत से अपनी लापरवाही को छुपाना चाहा और अन्य मदों से 97 लाख 19 हजार 640 रुपये जारी कर दिए.
यह बात जब मीडिया में आई तो जिला विकास अधिकारी ने खुद को बचाने के लिए अपने विभाग के दो बाबुओं हरिशंकर अग्रवाल और श्याम बहादुर सक्सेना को इस तर्क के आधार पर सस्पेंड कर दिया कि इन दोनों बाबुओं ने उच्च अधिकारियों को मामला बिना संज्ञान में दिए अन्य मदों से पैसा निकाल लिया, जबकि इतनी बड़ी धनराशि अधिकारियों के हस्ताक्षर से अन्य मदों से निकाली गई. मामले की सूचना जब जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव को हुई तो उन्होंने विकास भवन के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए शासन से शिकायत की.
ईटीवी भारत ने विकास के नाम पर की गई करोड़ों रुपये की अनियमितता की खबर को प्रमुखता से दिखाया था, जिसके बाद पंचायती राज निदेशालय से डायरेक्टर ने जिला विकास अधिकारी योगेंद्र पाठक और अपर जिला पंचायत राज अधिकारी प्रमोद कुमार यादव से सात दिन के अंदर लिखित स्पष्टीकरण मांगा है. जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने भी कार्रवाई करते हुए जिला पंचायत राज विभाग के वित्तीय अधिकार जिला विकास अधिकारी से छीन लिए, जिसके बाद से पूरे विकास भवन में हड़कंप मचा हुआ है.
वित्तीय अनियमितताओं के चलते जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव के आदेश पर जिला विकास अधिकारी योगेंद्र पाठक से जिला पंचायत राज्य कार्यालय के वित्तीय अधिकार वापस ले लिए गए हैं.
-श्री निवास मिश्र, मुख्य विकास अधिकारी