पीलीभीत: जिले में धान खरीद की शुरुआत होने से पहले ही धान खरीद सुर्खियों में आ गई है. हमेशा की तरह होने वाली धान खरीद में बदलाव को लेकर पीलीभीत सांसद वरुण गांधी ने जिलाधिकारी पुलकित खरे को पत्र लिखकर सरकारी खरीद व्यवस्था को 5 बिंदु पर पारदर्शी बनाने का आग्रह किया है.
पीलीभीत के सांसद और बीजेपी के फायर ब्रांड नेता वरुण गांधी के एक पत्र ने धान खरीद से पहले ही धान खरीद को सुर्खियों में ला दिया है, जिससे तमाम धान सेंटर लेने वाली समितियों में हड़कंप मचा हुआ है. सांसद वरुण गांधी ने डीएम पुलकित खरे को भेजे गए पत्र में कहा कि जिला खाद्य विपणन अधिकारी सभी जनप्रतिनिधियों से क्रय केंद्र खोलने के लिए सूची तो मांगते हैं, लेकिन उनके द्वारा सुझाए गए गांवों में केंद्र फिर भी नहीं खोले जाते. धान खरीद केंद्र गांवों में ऐसे स्थान पर खोले जाते हैं, जिससे किसानों को पता ही नहीं चल पाता. राइस मिलर से सांठगांठ करके धान लेकर केंद्र की खरीद दर्शा दी जाती है.
डीएम पुलकित खरे को भेजा गया पत्र. डीएम पुलकित खरे को भेजा गया पत्र. सांसद वरुण गांधी ने डीएम से आग्रह किया कि वह ऐसे मामलों को संज्ञान लेकर जांच कराएं. साथ ही इस बार की धान खरीद व्यवस्था को पूरी तरह से पारदर्शी बनाए, जिससे किसान का धान उसे उचित दाम पर बेचने को मिल सके.
सांसद वरुण गांधी ने इन पांच बिंदुओं पर संज्ञान लेने का किया आग्रह-
- गांवों में धान क्रय केंद्र ऐसी जगह लगाते हैं, जिससे ग्राम वासियों को पता भी ना चल सके और अगर पता भी चल जाता है तो ऐसी जगह क्रय केंद्र खोलते हैं, जहां पर किसान आसानी से न पहुंच सके.
- अगर कोई किसान अपना धान क्रय केंद्र पर लेकर पहुंच भी जाता है तो उसे क्रय केंद्र पर दलालों के द्वारा बोला जाता है कि तुम्हारे धान में नमी अधिक है, इसे राइस मिल पर ले जाकर बिक्री करो. राइस मिल उसी धान का समर्थन मूल्य से 300 रुपये से 400 रुपये कम में खरीदकर उसी किसान का पंजीकरण कराकर सरकारी खरीद में चढ़ा देते हैं.
- परिवहन में लगे हुए ठेकेदार जिनके पास अपना एक भी मिनी ट्रक नहीं होता, राइस मिलों से मिलकर धान पहुंच की फर्जी रिसीविंग ले लेते हैं और बिना कुछ किए परिवहन व तुलाई का लाखों रुपये डकार जाते हैं.
- विगत वर्षों में कई गांव में क्रय केंद्र खुले भी नहीं, परंतु उन पर हजारों क्विंटल की फर्जी खरीद दर्शाई गई.
- परिवहन ठेकेदार व राइस मिल कुछ भ्रष्ट अधिकारियों से मिलकर सरकार व किसानों का शोषण कर रहे हैं, जिसकी जांच होनी चाहिए.