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कैसे होगा पीलीभीत स्वच्छ, जब डस्टबिन में हो रहा लाखों का घोटाला?

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Published : Feb 21, 2020, 9:15 AM IST

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में स्वच्छ भारत मिशन के तहत कूडे़दान के नाम पर 52 लाख का घोटाला किया गया है. डीएम ने 164 ग्राम प्रधानों और 146 सचिवों से 52 लाख रुपयों की धनराशि की मय ब्याज के रिकवरी के आदेश दिए हैं.

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मामले की जानकारी देते जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव.

पीलीभीत: जनपद में स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर हुए कूड़ेदान घोटाले को लेकर जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने कड़ा रुख अपनाया है. कूड़ेदान के नाम पर 52 लाख का घोटाला होने पर 164 ग्राम प्रधानों और 146 सचिवों से 52 लाख रुपयों की रिकवरी के आदेश दिए हैं. घोटाले मामले में 26 लाख ग्राम प्रधान और 26 लाख सचिव से वसूले जाएंगे. साथ ही सचिवों की दो वेतन वृद्वि रोकने के साथ प्रतिकूल प्रविष्टि की कार्रवाई भी की गई है.

मामले की जानकारी देते जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव.
  • वर्ष 2018 में जिले में स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में कूड़ेदान रखने के निर्देश दिए गए थे.
  • जिले के 164 ग्राम प्रधानों ने सचिवों के साथ मिलकर ड्रमों को काटकर उन पर स्वच्छ भारत मिशन लिखवाकर कूडे़दान का रूप दे दिया.
  • शिकायत पर जांच की गई तो कूडे़दान की कीमत 600 रूपये है, जबकि बिल में छह से सात हजार का लगाकर सरकारी धन का घोटाला कर लिया गया.
  • जांच में पुष्टि होने के बाद 52 लाख की रिकवरी के आदेश दिये गए, जिसमें आधी धनराशि ग्राम प्रधानों से और आधी सचिवों से वसूली जाएगी.

इस घोटाले में 164 ग्राम प्रधान और 46 सचिवों की संलिप्ता पाई गई है. इन्हीं लोगों से यह वसूली की जाएगी. साथ ही सचिवों पर विभागीय कार्रवाई भी की गई है. सचिवों की दो वेतन वृद्वि रोकने के साथ प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है.
-वैभव श्रीवास्तव, जिलाधिकारी

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