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बीजेपी विधायक ने डीएम पर लगाए कई गंभीर आरोप, डीएम ने दिया जवाब - विधायक के आरोपों को डीएम ने बताया गलत

यूपी के पीलीभीत में बीजेपी विधायक ने डीएम पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. विधायक ने कहा था कि डीएम ने लाखों के खनन की फाइल बिना जांच के पास कर दी. अब डीएम ने विधायक के आरोपों को गलत बताया है.

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विधायक के आरोपों को डीएम ने किया खारिज.

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Published : Jan 25, 2020, 4:40 AM IST

पीलीभीत: जनपद में बीजेपी विधायक और जिलाधिकारी के बीच हुई तकरार रुकने का नाम नहीं ले रही है. अपने आवास पर हुई कार्रवाई के पश्चात बौखलाए बीजेपी विधायक जिलाधिकारी पर लगातार हमलावर हैं. विधायक ने डीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि लाखों के खनन की फाइल को एक ही दिन में पूरा कर खनन माफियाओं को दे दी गई. डीएम ने विधायक के इन आरोपों को गलत बताया है. उनका कहना है कि सभी जरूरी प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही खनन की अनुमति दी गई.

विधायक के आरोपों को डीएम ने किया खारिज.

डूडा के कार्यों में धांधली पर डीएम ने की थी कार्रवाई
बता दें कि 20 जनवरी के दिन पहले जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव विकास कार्यों का जायजा लेने के लिए बीसलपुर गए हुए थे. उस दौरान जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने बीजेपी विधायक रामसरन वर्मा के आवास के पास चल रहे डूडा के कार्यों में धांधली देखी, जिसके बाद बड़े पैमाने पर धांधली मिलने पर जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने काम कर रही फर्म को ब्लैक लिस्ट कर दिया. यह फर्म रामसरन वर्मा के बेहद ही करीबी रामनरेश वर्मा की है.

विधायक ने पत्र लिख सीएम से की शिकायत
डीएम को बीते कई दिनों से शिकायत मिल रही थी कि बीजेपी विधायक ने कामधेनु योजना के तहत डेयरी बनवाने के बजाय बारात घर का निर्माण कराया है. जब डीएम निरीक्षण करने पहुंचे तो यह शिकायत सही पाई गई. डीएम के निरीक्षण को लेकर बौखलाए विधायक ने डीएम पर कई आरोप लगाए. विधायक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र के जरिए जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव की भी शिकायत की.

बीजेपी विधायक ने डीएम पर लगाए कई आरोप
बीजेपी विधायक राम सरन वर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीसलपुर विधानसभा में लाखों के खनन की परमिशन एक ही दिन में देने के काम जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने किया है. एक ही दिन में लेखपाल, तहसीलदार, एसडीएम, एडीएम से लेकर डीएम तक ने लाखों की खनन की फाइल को पूरा कर दिया. इतने बड़े पैमाने के काम की अच्छे से जांच के बाद उसकी परमिशन दी जाती. लेकिन जिलाधिकारी ने खनन माफिया पर मेहरबान होकर इतनी जल्दी परमिशन दे दी. जिसके चलते खनन माफिया ने कई लाखों का अवैध खनन कर लिया.

डीएम ने आरोपों को किया खारिज
वहीं डीएम वैभव श्रीवास्तव ने इन आरोपों को खारिज किया है. उनका कहना है कि फाइल एक ही दिन में पूरी नहीं की गई है. गांव के किसानों ने अपने खेत से बालू हटाने के लिए 3 दिसंबर को अनुमति मांगी थी. जिसके बाद जरूरी प्रक्रिया पूरी करने के बाद 21 दिसंबर को किसानों को परमिशन दे दी गई.

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