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जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलने वाले सीएफओ को जान का खतरा, एसपी से मांगी सुरक्षा

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भले ही जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलने का दावा करती हो, लेकिन पीलीभीत में तैनात एक विभागीय अफसर द्वारा लिखे गए पत्र में योगी सरकार की इस नीति की पोल खोल दी है.

सीएफओ को जान का खतरा.
सीएफओ को जान का खतरा.

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Published : Oct 8, 2021, 4:02 PM IST

Updated : Oct 8, 2021, 6:48 PM IST

पीलीभीतः जिले में फायर सीएफओ ने एसपी को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है. सीएफओ का आरोप है कि जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलने से उनकी जान को विभाग के ही लोगों से खतरा है. उनका कहना है कि विभाग में भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार है.

पीलीभीत के मुख्य अग्निशमन अधिकारी विश्वरूप बनर्जी ने जिले के पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर खुद की जान को खतरा बताया है. पत्र में बताया गया है कि 7 अक्टूबर को दोपहर करीब 11:30 बजे मुख्य अग्निशमन अधिकारी बरेली चंद्र मोहन शर्मा कुछ संदिग्ध लोगों को लेकर कार्यालय में आए और फायर स्टेशन प्रभारी पर दबाव बनाकर कार्यालय खुलवा लिया. इसके साथ ही स्टेशन प्रभारी को धमकाकर कार्यालय से बाहर कर दिया गया.

सीएफओ को जान का खतरा.

आरोप है कि कार्यालय पर आए संदिग्ध लोगों से कार्यालय में ही बैठकर किसी रणनीति पर विचार विमर्श होने लगा. जब सूचना पाकर विश्वरूप बनर्जी कार्यालय पहुंचे और संदिग्ध व्यक्तियों से परिचय पूछा तो संदिग्धों ने अपना परिचय नहीं बताया. साथ ही सभी मौके पर मोबाइल से बात करते हुए भाग निकले.

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पीलीभीत के मुख्य अग्निशमन अधिकारी विश्वरूप बनर्जी ने आरोप लगाया है कि बरेली के सीएफओ समेत अन्य कई भ्रष्टाचारी उनकी ईमानदारी से खफा हैं. क्योंकि अग्निशमन विभाग में एनओसी के नाम पर चलने वाले भ्रष्टाचार के खेल से उनकी वजह से परेशानी हो रही है. इसलिए वह लोग उनकी हत्या कराने का प्रयास कर सकते हैं.

सीएफओ ने मांगी सुरक्षा

पीलीभीत के मुख्य अग्निशमन अधिकारी विश्वरूप बनर्जी ने एसपी को पत्र भेजकर पूरे मामले की शिकायत की है. मामले में न्यायिक जांच समेत खुद को सुरक्षा प्रदान किए जाने की मांग की है.

Last Updated : Oct 8, 2021, 6:48 PM IST

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