पीलीभीत:जिले के विकास भवन का डीपीआरओ कार्यालय अपने भ्रष्टाचार को लेकर लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. इस बार डीपीआरओ विभाग के एडीपीआरओ प्रमोद यादव और उनके बाबू संजय तोमर ने मिलकर डीएम के आदेश में बड़ा फेरबदल कर दिया. एडीपीआरओ प्रमोद यादव और बाबू संजय तोमर की मिलीभगत से कार्रवाई का एक बिंदु ही आदेश से गायब कर डीएम के आदेश को ठेंगा दिखाया.
पीलीभीत: अधिकारियों ने किया डीएम के आदेश में फेरबदल
यूपी के पीलीभीत में विकास भवन में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. विभाग में तैनात अधिकारियों ने मिलकर डीएम के आदेश में बड़ा फेरबदल कर दिया.
डीएम के आदेश में फेरबदल
मामला कुछ यूं है कि 4 जून 2018 को ग्राम पंचायत बिलगवा में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत आठ अपात्र लोगों को फर्जीवाड़ा करके लाभार्थी बना दिया गया था, जिसमें सचिव मेवालाल को दोषी मानते हुए प्रतिकूल प्रवष्टी निर्गत करने का आदेश तत्कालीन जिलाधिकारी अखिलेश मिश्रा के आदेश पर दिया गया था, लेकिन जिलाधिकारी के आदेश पर भ्रष्टाचार चालू हो गया, जिस पर डीपीआरओ कार्यालय के प्रभारी डीपीआरओ प्रमोद कुमार यादव और उनके बाबू संजय तोमर ने दोषी सचिव मेवालाल से आर्थिक लाभ लेकर जिलाधिकारी के आदेश में फेरबदल करते हुए जिलाधिकारी के आदेश को ठेंगा दिखा दिया.
जारी आदेश से एक प्वाइंट हटाया गया
दरअसल जिलाधिकारी कार्यालय से जारी किए गए आदेश में 6 बिंदु बनाए गए थे, जिसमें सबसे अंतिम बिंदु संख्या 6 पर दोषी सचिव मेवालाल के खिलाफ कार्रवाई के आदेश थे, लेकिन एडीपीआरओ प्रमोद कुमार यादव और बाबू संजय तोमर ने मिलकर जिलाधिकारी के आदेश में फेरबदल करते हुए कार्यवाही के बिंदु संख्या 6 को गायब करते हुए पांच बिंदु वाला दूसरा आदेश बना दिया. इसमें दोषी मेवालाल के खिलाफ किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई, बल्कि जिलाधिकारी के आदेश पर मेवालाल के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए थे.
डीएम ने दी जानकारी
जानकारी देते हुए जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने बताया कि मामला गंभीर है. इसकी जांच कराई जाएगी और जांच में जो सामने आएगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी.