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मजदूर के खाते में ऐसे ही नहीं आए 95 लाख, पीलीभीत से जुड़ा बड़ी साजिश का लिंक

हरिद्वार के मजदूर के खाते में 95 लाख का ट्रांजेक्शन और तीन लोगों के खाते सो 3 करोड़ रुपए का लेन देने का मामला यूपी के पीलीभीत से जुड़ा है. पुलिस के मुताबिक, पीलीभीत के किसी व्यक्ति ने पूर्व सांसद के बेटे व बेटी के माध्यम से हरिद्वार में कई लोगों के खाते खुलवाए थे.

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Published : Aug 4, 2022, 11:07 PM IST

हरिद्वार:एक दिहाड़ी मजदूर के खाते से ₹95 लाख का ट्रांजेक्शन (Transactions worth lakhs in the account of the laborer) होने और तीन लोगों के खाते में करीब 3 करोड़ रुपए की रकम के लेनदेन मामले में घंटों की पूछताछ के बाद एक नया मोड़ आया है. अब इस मामले के तार उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से जुड़ (Transactions worth lakhs connected to Pilibhit) गए हैं. जांच में सामने आया है कि पीलीभीत के किसी व्यक्ति ने पूर्व सांसद के बेटे व बेटी के माध्यम से हरिद्वार में कई लोगों के खाते खुलवाए थे. हर खाते को खुलवाने के एवज में उन्हें तीन हजार रुपए देने की बात सामने आई है.

हरिद्वार में पूछताछ के बाद मामले में नया एंगल पता चलने पर राजस्थान पुलिस यूपी के पीलीभीत की ओर बढ़ गई है. पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए चारों लोगों को भी फिलहाल हिदायद के साथ छोड़ दिया गया है. गौर हो कि, दो दिहाड़ी मजदूर ज्वालापुर निवासी संदीप और कनखल निावाली श्रवण के बैंक अकाउंट में राजस्थान के एक संदिग्ध खाते से आए ₹50 हजार की पड़ताल करने राजस्थान पुलिस हरिद्वार पहुंची थी. इस दौरान राजस्थान पुलिस को खाते में करीब 95 लाख रुपए के लेनदेन का पता चला.

इसके बाद बुधवार शाम राजस्थान के अजमेर जिले से आई पुलिस की टीम ने ज्वालापुर कड़च्छ निवासी संदीप और कनखल निवासी श्रवण को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था. पूछताछ के दौरान इनमें से श्रवण के खाते से ₹95 लाख का लेनदेन सामने आया था. इस पूछताछ में एक पूर्व सांसद की बेटी व बेटे का नाम भी उजागर हुआ था. इन दोनों ने ही संदीप और श्रवण का खाता खुलवाया था.


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पूर्व सांसद का बेटा तो बुधवार शाम पुलिस के हाथ नहीं लगा लेकिन पुलिस ने उनकी बेटी से बुलाकर कोतवाली ज्वालापुर में काफी देर पूछताछ की थी. पूछताछ के लिए गुरुवार सुबह पूर्व सांसद की बेटी फिर कोतवाली पहुंची. इस बार उसका भाई भी उसके साथ था. शाम करीब 3 बजे तक दोनों से गहन पूछताछ हुई.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पूछताछ में ये बात सामने आई है कि पूर्व सांसद की बेटी व बेटे ने पीलीभीत के रहने वाले किसी व्यक्ति के कहने पर हरिद्वार में करीब 50 से अधिक लोगों के खाते खुलवाए थे. इन दोनों भाई बहन ने राजस्थान पुलिस को पीलीभीत के उस व्यक्ति का पता दे दिया है. जिसके बाद पुलिस ने संदीप, श्रवण के साथ ही इन दोनों भाई बहन को ये हिदायत देकर छोड़ दिया कि पुलिस जब भी उन्हें बुलाएगी वो पुलिस के समक्ष पेश होंगे.

ये है कहानी:पुलिस के मुताबिक, हरिद्वार ज्वालापुर कड़च्छ निवासी संदीप और कनखल निवासी श्रवण के ज्वालापुर निवासी एक व्यक्ति ने बैंक खाते खुलवाए थे. उस वक्त दोनों को ये बताया गया था कि उनके बैंक खाते में शुरुआत में पांच-पांच हजार रुपये आएंगे, जिसमें साढ़े तीन हजार रुपये उन्हें मिलेंगे, जबकि 1500 रुपये खाता खुलवाने वाले को मिलेंगे. 50 हजार रुपये का लोन तक दिलाने की बात कही गई थी. इसके बाद दोनों के खातों की पासबुक और एटीएम कार्ड आदि ले लिए गए. इसी बीच श्रवण के खाते में राजस्थान से 50 हजार रुपये आए.

जब राजस्थान पुलिस ने इस मामले की गहनता से जांच की तो पता चला कि हरिद्वार के तीन लोगों के खाते में करीब 3 करोड़ रुपए की रकम का लेनदेन हुआ है. इतना ही नहीं, जिस व्यक्ति के खाते में ₹50 हजार की जांच करनी थी, उसके खाते से भी 95 लाख रुपए इधर से उधर हुए हैं. खातों से पैसे निकालने के बाद अब खातों में महज ₹6 हजार ही शेष बचे हैं.


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हवाला से जुड़े हो सकते हैं तार: जिस तरह खातों में पैसे आने की जांच राजस्थान से शुरू होकर उत्तराखंड और अब यूपी की तरफ मुड़ गई है, उससे लगने लगा है कि ये तार हवाला कारोबार से जुड़े हो सकते हैं. पूर्व में हुए कई हवाला मामलों में ये बात देखने में आई है की गरीब लोगों के खातों का फायदा उठाकर हवाला कारोबारी उसमें पैसा ट्रांसफर करते हैं और उसके बाद चुपचाप पैसा निकाल लेते हैं, जिसका पता पैसा निकलने के बाद चलता है.

आखिर कहां हैं ATM और पासबुक:राजस्थान की अजमेर पुलिस ने चारों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया है लेकिन इस बात का अभी तक पता नहीं चल सका है संदीप और श्रवण के एटीएम व पासबुक कहां हैं जो इन भाई-बहन ने लिए थे. इस बात का जवाब न तो कोतवाली ज्वालापुर पुलिस ने दिया और न ही राजस्थान पुलिस ने.

नहीं हुई कोई कार्रवाई: इससे पहले कोतवाली ज्वालापुर पुलिस के सामने राजस्थान से आई पुलिस टीम के साथ न केवल धक्का-मुक्की बल्कि गाली गलौज भी हुई. इतना ही नहीं, कांग्रेसी नेताओं ने जमकर अभद्रता भी की लेकिन इस मामले में अभी तक पुलिस की ओर से आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

गौर हो कि, जब राजस्थान पुलिस की विशेष टीम ज्वालापुर और कनखल क्षेत्र के रहने वाले दिहाड़ी मजदूरों को लेकर कोतवाली जा रही थी तो कुछ कांग्रेसी नेता आग बबूला हो गए थे और उन्होंने राजस्थान पुलिस की गाड़ी पर ही हमला बोल दिया.

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