पीलीभीत: नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद देश में वर्षों से रह रहे शरणार्थियों को नागरिकता दिलवाने की प्रक्रिया चालू कर दी गई है. जिले में सबसे अधिक शरणार्थी रहते हैं. जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने लगभग 32 हजार शरणार्थियों की पहली लिस्ट शासन को भेजी है. उन्होंने बताया कि इस सर्वे में करीब 32 हजार शरणार्थियों की प्रारंभिक संख्या सामने आई है, जिनको नागरिकता दी जानी है.
- जिले में लगभग 50 हजार शरणार्थी रहते हैं.
- नागरिकता के लिए 32 हजार की पहली सूची भेजी गई है.
- यह लोग बांग्लादेश से आए हैं.
यह लोग जिले के पूरनपुर, माधोटांडा, न्यूरिया, गाभिया, बूंदी बूढ़, बंदरबोझ, नोजलहा, हजारा, गंज, सेल्हा, लालपुर जगहों पर कॉलोनी बनाकर बिना नागरिकता के रह रहे हैं.
पहले कोलकाता, फिर महाराष्ट्र, फिर पीलीभीत आकर बस गए
शरणार्थी के तौर पर रह रहे कई लोगों को भारत की नागरिकता मिल गई है, लेकिन कुछ लोग लंबे समय से इसकी लड़ाई लड़ रहे हैं. शरणार्थियों का कहना है कि बंटवारे के बाद इन्हें काफी प्रताड़ित किया गया, जिसके कारण में भारत में आकर बस गए. शुरुआत में कोलकाता में रहे, उसके बाद महाराष्ट्र और फिर यूपी के जनपद पीलीभीत आकर रहने लगे.