मुजफ्फरनगर :प्रदेश सरकार के स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत समूचे उत्तर प्रदेश में एक योजना के तहत प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया जा रहा है. ताकि कोई भी खुले में शौच न करें. स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) एवं वित्त आयोग से निर्मित होने वाले इन सामुदायिक शौचालय का मॉडल एक दम आधुनिक दिखाई देता है. इन सामुदायिक शौचालय पर बाकायदा एक शिलापट भी लगाया जाता है, जिससे ये पता चलता है कि किस योजना के तहत इस शौचालय का निर्माण किया गया है और इसका लोकार्पण किसके द्वारा किया गया है.
लापरवाही : शिलापट पर मुख्यमंत्री के नाम की जगह लिखा गया 'योगा आदित्यनाथ' - योगा आदित्यनाथ
कई बार सरकारी विभाग के जिम्मेदारी अधिकारी और उनके अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा ऐसी गलतियां कर दी जाती हैं कि अर्थ का अनर्थ हो जाता है. ऊपर से जग हंसाई भी. कुछ ऐसा ही गड़बड़झाला हुआ जनपद मुजफ्फरनगर के सदर ब्लॉक के निराना गांव में, जहां स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए सामुदायिक शौचालय की दीवार पर जो शिलापट लगाया गया, उसमें सूबे के मुख्यमंत्री का नाम ही गलत लिख दिया गया.
जनपद के सदर ब्लॉक के निराना गांव में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) एवं वित्त आयोग के तहत एक सुलभ शौचालय का निर्माण किया गया है. दिनांक 19 अक्टूबर 2020 को इस शौचालय का लोकार्पण प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा किया गया. सुलभ शौचालय की दीवार पर एक शिलापट भी लगाया गया, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जगह योगा आदित्यनाथ नाम लिख दिया गया. इस मामले में ग्राम प्रधान मोहम्मद इस्तखार और ग्राम सचिव विनय शर्मा की लापरवाही उजागर हुई है.
सुलभ शौचालय का लोकार्पण हुए लगभग तीन महीने होने जा रहे हैं, लेकिन आज भी शिलापट पर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम को ठीक नहीं किया गया है. क्षेत्रीय लोग जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विकास कार्यो की प्रशंसा कर रहे हैं, वहीं जिला प्रशासन की इस लापरवाही की निंदा भी कर रहे हैं.