मुज़फ्फरनगर: 22 साल पहले महिला को जिंदा जलाकर मारने के मामले में आरोपी को दो वर्ष की सजा व जुर्माना लगाया गया है.
बता दें कि थानाभवन में बेबी पुत्री कश्यप ने थाना थाना भवन पर रिपोर्ट लिखाई थी. घटना 23 वर्ष पुरानी है. वादिया बेबी के पिता पानीपत में मजदूरी करते थे और वहीं रहते थे. घटना की रात वादिया उसकी मां, उसके दो भाई और एक बहन छत पर सोए हुए थे. रात में करीब 11.30 बजे बेबी की मां शिमला की चीख सुनकर सभी लोग जाग गए और उन्होंने देखा कि गांव के ही राजकुमार तथा रामपाल उर्फ सेठी शिमला के साथ हाथापाई कर रहे थे और फिर इन लोगों ने शिमला के ऊपर मिट्टी का तेल डाल कर आग लगा दी. इससे शिमला का पूरा शरीर जल गया था और वहीं उसको अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई थी.
बता दें कि इस मुकदमे में अभियुक्त को पूर्व में ही आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है. इस मुकदमे के आधार पर इस तत्कालीन थानाध्यक्ष थाना भवन वीर विक्रम सिंह ने अभियुक्त रामपाल उर्फ सेठी पुत्र नकली तथा राजकुमार पुत्र चोहल सिंह के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज कराया था और उसकी जांच थानाध्यक्ष दया नंद वर्मा द्वारा संपादित की गई थी. इसमें रामपाल उर्फ सेठी की पत्रावली वर्ष 2010 में अभियुक्त रामपाल की मौत हो जाने के कारण उपशमित हो गई थी और वर्तमान में मुकदमा राजकुमार के विरुद्ध गैंगस्टर कोर्ट मुजफ्फरनगर में विचाराधीन था और आज न्यायाधीश अशोक कुमार द्वारा अभियुक्त राजकुमार को गैंगस्टर एक्ट में दोषी पाते हुए दो वर्ष की साधारण कारावास तथा पांच हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया गया है।
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