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मुजफ्फरनगर के दो गांव होंगे 'खेल गांव' के रूप में विकसित - दो गांवों को आदर्श खेलगांव के रूप में होंगे विकसित

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के दो गांवो को एक आदर्श खेल गांव बनाने की मंगलवार को पहल शुरू की गई. दोनों गांवों को खेल गांव में विकसित करने की जिम्मेदारी आईएमटी गाजियाबाद की एनजीओ स्पोर्ट्स ए वे ऑफ लाइफ ने उठाया है.

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मुजफ्फरनगर के दो गांवों को आदर्श खेलगांव के रूप में किया जाएगा विकसित

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Published : Mar 4, 2020, 3:42 AM IST

मुजफ्फरनगर: जिले के दो गांवो को एक आदर्श खेल गांव के रूप में विकसित करने का जिम्मा आईएमटी गाजियाबाद की एनजीओ स्पोर्ट्स ए वे ऑफ लाइफ ने उठाया है. बहादरपुर और खेड़ी वीरान नामक इन दोनों गांव में खेल को लेकर लोगों को जागरूक करने का कार्यक्रम शुरू हो चुका है. इसमें पहले क्रम में गांव की दीवारों पर वॉल पेंटिंग की गई. खेल से संबंधित किताबें और कैलेंडर आदि घर-घर में वितरित किए गए. गांव के प्राथमिक विद्यालय में खेल के मैदान विकसित करने का कार्यक्रम जारी है. ग्राम प्रधान द्वारा खेल के मैदान के लिए छोड़ी गई जमीन को एनजीओ के सुपुर्द कर दिया है जिसमें मिनी स्टेडियम बनाए जाने का कार्यक्रम है.

दो गांवों को आदर्श खेल गांव बनाने की पहल शुरू

उत्तर प्रदेश के किसी गांव को किसी एनजीओ या शैक्षिक संस्था द्वारा आदर्श खेलगांव बनाने का यह पहला कदम है. जनपद मुजफ्फरनगर में थाना सिखेड़ा क्षेत्र के जानसठ रोड स्थित गांव बहादरपुर और खेड़ी वीरान गांव में मंगलवार को आईएमटी गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर की एनजीओ स्पोर्ट्स ए वे ऑफ लाइफ द्वारा पढ़ो खेलो और आगे बढ़ो नाम से एक सेमिनार का आयोजन किया गया. इसमें सैकड़ों ग्रामीणों महिलाओं के बच्चों के साथ-साथ खेल जगत से जुड़ी देश की कई महान हस्तियों ने भी भाग लिया. इसमें हॉकी के राष्ट्रीय खिलाड़ी अशोक ध्यानचंद और गोपाल सैनी है मौजूद रहे.

एनजीओ ने उठाया सराहनीय कदम
वक्ताओं द्वारा खेल प्रतिभाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से आईएमटी गाजियाबाद और स्पोर्ट्स ए वे ऑफ लाइफएनजीओ द्वारा उठाए गए इस कदम की सराहना की. साथ ही यह भी कहा कि यह एक पहला कार्यक्रम है जो किसी संस्था द्वारा 2 गांव को आदर्श खेल गांव के रूप में विकसित किया जाना है.

मामले की जानकारी देते हुए डॉ. कनिष्क पांडेय

डॉ. कनिष्क पांडेय बोले खेलों को नहीं जानेंगे तो ओलम्पिक में पदक कैसे लायेंगे
इस खेलों की दुनिया को एक छोटे से गांव में उतारने का श्रेय जाता है स्पोटर्स ए वे आफ लाईफ एनजीओ के अध्यक्ष एवं आईएमटी गाजियाबाद स्पोर्ट्स रिसर्च सेन्टर के हैड डॉ. कनिष्क पांडेय को. देश में खेलों के पिछड़ने को लेकर कनिष्क ने वैज्ञानिक शोध किया और फिर स्पोर्ट्स निरक्षरता को दूर करने की मुहिम शुरू की. डॉ. कनिष्क का कहना है कि ’’जब हम खेलों के बारे में जानेंगे ही नहीं और हम आमजन विशेष रूप से बच्चों को खेलों के बारे में बतायेंगे ही नहीं, तो ओलम्पिक खेलों में पदक हम कैसे जीत पायेंगे.’’खेल साक्षरता ऐसा टर्म था जो शुरूआत में लोगों को कठिन लगता है परन्तु कनिष्क ने इसको हकीकत बनाने के लिए एक गांव को चुना और उनकी पूरी टीम इस काम में तन मन से जुट गयी और इसकी सफलता की पहली सीढ़ी से आज लोग रूबरू हुए.

गांव को दी गई एलईडी टीवी, दिखायें जायेगें सिर्फ स्पोर्ट्स चैनल

आईएमटी संस्था द्वारा एक एलईडी टीवी भी इस गांव को दी गयी है, जिस पर सिर्फ स्पोर्ट्स चैनल ही दिखायें जायेगें और समय-समय पर स्पोर्ट्स पर्सन के इन्टरव्यू तथा स्पोर्ट्स आधारित फिल्म प्रदर्शित की जायेगी.


इस गांव में बीते 2 मार्च को एक अनोखे स्पोर्ट्स प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें सभी उम्र वर्ग के करीब 800 महिला और पुरूषों ने विभिन्न खेलों में भाग लिया. इन सभी को प्रोत्साहित करने के लिए लीक से हटकर प्रतिभाग करने के लिए मैडल पहनाये गये, जबकि सामान्यतया जीतने वाले को ही मैडल पहनाया जाता है.


इस अवसर पर स्पोर्टस थिएटर का उद्घाटन अति विशिष्ट अतिथि सुभाष पहलवान, अर्जुन पुरूस्कार विजेता, एशिया चेम्पियन के द्वारा किया गया.

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