मुजफ्फरनगर:अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन के दौरान देश में इसको लेकर उत्साह देखते ही बना. हर कोई अपने आराध्य श्रीराम के लिए कुछ न कुछ करना चाहता है. जिले के गांधी कालोनी लालबाग निवासी व्यापारी जीतेन्द्र शर्मा के छोटे बेटे तुषार शर्मा ने अपनी 19 वर्ष की आयु में अपनी प्रतिभा के बल पर अखबारों की रद्दी से आकर्षक श्रीराम मंदिर का मॉडल तैयार किया है. इसके साथ ही तुषार ने पेरिस के विश्व प्रसिद्ध एफिल टॉवर को भी समाचार पत्रों की रद्दी से बनाया है.
कागज की रद्दी से बनाया श्रीराम मंदिर मॉडल. रद्दी के कागज का उपयोग
तुषार ने अपने इस हुनर से अपने माता-पिता के साथ-साथ जनपद का नाम भी रोशन किया है. तुषार कक्षा 12 का छात्र है और हाल में ही इंटरमीडिएट की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की है. कोरोना महामारी के चलते जब देश में लॉकडाउन लगाया गया तो स्कूल-कालेज बंद होने के कारण तुषार ने घर में रहकर समाचार पत्रों की रद्दी को नया रूप देने का मन बना लिया. तुषार ने सबसे पहले अखबार की रद्दी से पेंसिल बॉक्स बनाया और फिर बाइक, फिर तुषार एक के बाद एक चीजें बनाता गया. तुषार ने रद्दी अखबार से बैल गाड़ी, कूलर, साइकिल, ट्रैक्टर और धनुष-बाण के साथ ही राम मंदिर के मॉडल का निर्माण भी एक सप्ताह के अंदर किया है.
तुषार ने बनाया श्रीराम मंदिर का मॉडल. 'लॉकडाउन में शुरू किया यह काम'
तुषार का कहना है कि लॉकडाउन के समय जब स्कूल बंद हो गए, तब मैने घर पर खाली समय बर्बाद नहीं किया. घर में अखबार आ रहे थे, लेकिन उन्हें रद्दी में डालना सही नहीं लग रहा था. कुछ लोग रद्दी अखबारों से लिफाफे बनाते हैं. मैने कुछ नया करने का सोचा और केवल अखबार और फेवीकोल की मदद से धीरे-धीरे रद्दी अखबारों को नया आकर देना शुरू कर दिया. एक दिन मेरे जीजा जी घर आए और बोले कि अयोध्या में राम मंदिर बनने जा रहा है, तुम उससे पहले राम मंदिर बनाओ. मैनें एक सप्ताह में दिन-रात जागकर राम मंदिर का मॉडल बना दिया. इसको लेकर तुषार ने बताया कि पहले उसने इंटरनेट पर राम मंदिर की फोटो देखी और फिर वैसा ही राम मंदिर बनाया.
'अब बनाएंगे लालकिला'
मंदिर के फाउंडेशन के लिए मैने अखबार की रद्दी से 15 सौ बीम बनाए और मंदिर का बुर्ज तैयार किया. इस कार्य में मेरे माता-पिता और बड़े भाई ने मेरा बहुत सहयोग किया. आगे चलकर मैं 15 अगस्त तक दिल्ली का लालकिला बना रहा हूं, जो दो-चार दिन में ही तैयार हो जायेगा. तुषार की मानें तो वो अपने इस शौक को आगे बढ़ाना चाहते हैं और अपने सहपाठियों को इस बात का संदेश देना चाहते है कि वे भी खाली समय को बर्बाद न करें.
वहीं बातचीत में तुषार के पिता जीतेंद्र शर्मा ने बताया कि हम बेटे का पूरा सपोर्ट करते हैं. उसकी जो भी बनने की इच्छा होगी, वह बने. हम पूरी तरह से उसकी मदद के लिए तैयार हैं.