मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर जनपद में नया साल 2021 निजी बस मालिकों के लिए मुसीबत लेकर आने वाला है. एनजीटी का आदेश इन बस मालिकों के लिए परेशानी का सबब बन चुका है. परिवहन विभाग के अफसर एनजीटी के आदेश पर अमल कर रहे हैं, ऐसा हुआ तो 1 जनवरी, 2021 से जनपद में 170 निजी बसों के पहिये थम जायेंगे. इस समस्या के समाधान के लिए निजी बस मालिकों ने शनिवार को राज्य सरकार के मंत्री कपिल देव अग्रवाल से उनके आवास पर पहुंचकर मुलाकात की और उन्हें अपनी समस्या से अवगत कराया. कपिल देव ने परिवहन मंत्री से वार्ता करते हुए मुजफ्फरनगर की इस समस्या की जानकारी दी और विभागीय स्तर पर समाधान के लिए भी अनुरोध किया. वहीं इन बस मालिकों ने अब सोमवार को लखनऊ कूच की तैयारी कर ली है.
मुजफ्फरनगर जनपद के एनसीआर में आने के साथ ही यहां पर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण, एनजीटीद्ध के आदेश भी लागू हो गये हैं. एनजीटी ने एनसीआर क्षेत्र में 10 साल पुराने डीजल वाहनों को अमान्य करने के आदेश जारी कर रखे हैं. इन वाहनों को सीएनजी में परिवर्तित करने के लिए एनजीटी द्वारा एक वर्ष का समय देने के साथ ही भारतीय पेट्रोलियम मंत्रालय को एनसीआर के जिलों में एक साल में ही सीएनजी प्रेशर पम्प स्थापित करने को भी कहा था. परिवहन विभाग एनजीटी के आदेशों का अनुपालन करने में जुटा हुआ है और पुराने डीजल वाहनों को फिटनेस प्रमाण पत्र इस साल नहीं दिया जायेगा. इसमें निजी बस मालिकों के सामने अपनी दस साल पुरानी बसों का संचालन कराने के लिए बड़ी समस्या पैदा हो गयी है. क्योंकि डीजल वाहन होने के कारण उनका फिटनेस प्रमाण पत्र इस साल नहीं बन पायेगा और जनपद में सीएनजी प्रेशर पम्प नहीं होने के कारण वह इसके सीएनजी में भी परिवर्तित नहीं करा सकते हैं.
इसी समस्या को लेकर शनिवार को भाजपा नेता संजय अग्रवाल के नेतृत्व में निजी बस मालिकों ने राज्य सरकार में व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास राज्यमंत्री, स्वतंत्र प्रभारद्ध कपिल देव अग्रवाल ने गांधीनगर स्थित उनके आवास पर मुलाकात की. इस दौरान बस मालिकों ने अपनी समस्या को उठाते हुए बताया कि जनपद में अभी तक भी बसों के लिए सीएनजी प्रेशर पम्प नहीं बनाया गया है, ऐसे में बसों को सीएनजी में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि जब तक जनपद में सीएनजी प्रेशर पम्प नहीं लगता, तब तक बसों का संचालन कराये जाने की अनुमति परिवहन विभाग से मिलनी चाहिए. इस समस्या को लेकर मंत्री कपिल देव ने सरकार में परिवहन मंत्री अशोक कटारिया से फोन पर वार्ता की और विभागीय स्तर पर समाधान कराने का अनुरोध किया. परिवहन मंत्री के सुझाव पर बस मालिक शनिवार को ही मेरठ पहुंचे और परिवहन उपायुक्त, डीटीसीद्ध राजीव श्रीवास्तव से मुलाकात करते हुए समस्या से अवगत कराया.
संजय अग्रवाल ने बताया कि डीटीसी ने कोई भी सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ वार्ता नहीं की और लखनऊ में परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव से मुलाकात करने का सुझाव देकर अपना पल्ला झाड़ लिया है. इससे मंत्री कपिल देव को भी अवगत करा दिया गया है. अब वह अन्य बस मालिकों के साथ सोमवार को लखनऊ जाने की तैयारी कर रहे हैं. संजय अग्रवाल ने कहा कि यदि राहत नहीं मिलती हैं तो जनपद मुजफ्फरनगर में 1 जनवरी, 2021 से 170 बसों के पहिये थम जायेंगे और लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो जायेगा. उन्होंने कहा कि जनपद में सहारनपुर, शामली, भोपा-बिजनौर, जानसठ मीरापुर रामराज, जानसठ मीरापुर बिजनौर सहित करीब 20 रूट पर 300 निजी बसों का संचालन किया जा रहा है. इनमें से 170 बसें ऐसी हैं जो एनजीटी के आदेशानुसार पुरानी हो चुकी हैं और इनका फिटनेस परमिट 31 दिसम्बर, 2020 को समाप्त हो रहा है. परिवहन विभाग ने अगला फिटनेस सर्टिफिकेट करने से इंकार कर दिया है. मंत्री कपिल देव से मुलाकात करने वालों में संजय अग्रवाल, कुलदीप राजवंशी, रविन्द्र जैन, सुमित कुच्छल, नईम अहमद, हाजी शकील, बाॅबी मित्तल आदि बस मालिक शामिल रहे.