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मुजफ्फरनगर में हुई कुत्ते की तेरहवीं, 1100 लोगों ने किया भोज

मुजफ्फरनगर में एक ऐसा परिवार है, जिसने अपने पालतू कुत्ते की मौत पर तेरहवीं किया. डॉ. ब्रह्मदत्त सैनी ने कुत्ते की आत्मा की शांति के लिए हवन का कार्यक्रम रखा, फिर लोगों को भोज कराया.

कुत्ते की तेरहवीं
कुत्ते की तेरहवीं

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Published : Jan 17, 2020, 12:05 PM IST

Updated : Jan 17, 2020, 12:19 PM IST

मुजफ्फरनगरः इंसानों की मृत्यु होने पर प्रत्येक परिवार पूरे रीति-रिवाज के साथ तेरहवीं करता है, लेकिन किसी जानवर की मौत पर तेरहवीं की रस्म पूरे विधि-विधान के साथ होगी. ऐसा कम ही देखने को मिलता है. एक ऐसा ही वाक्या है डॉ. ब्रह्मदत्त सैनी के परिवार के सदस्य के रूप में पालतू कुत्ते कालू का.

डॉ. ब्रह्मदत्त सैनी का पूरा परिवार अपने पालतू कुत्ते की मौत के बाद अनोखा कार्य करता दिखा. उन्होंने 14 वर्षीय पालतू कुत्ते कालू के मरने के बाद अपने सभी सगे-संबंधियों को आमंत्रण देकर तेरहवीं के कार्यक्रम में बुलाया. तेरहवीं में इस कदर रिश्तेदारों को भीड़ लगी कि सुबह से शाम तक लोगों का तांता लगा रहा. तेरहवीं के भोज में 1100 लोगों ने हिस्सा लिया और 50 किलो लड्डू भी बांटे गए.

कुत्ते की आत्मा की शांति के लिए हवन.

डॉ ब्रह्मदत्त सैनी बताते हैं 14 वर्ष पहले मिले कुत्ते ने इनका ऐसा भाग्य जगाया कि उन्होंने जीवन में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. वह कहते हैं कि जब उनका परिवार गांव से शहर आया था तो उनकी आर्थिक स्थिति बड़ी दयनीय थी, लेकिन जबसे उनके यहां कालू कुत्ता आया, तबसे वह दिन दोगुनी और रात चौगुनी तरक्की करते चले गए.

13 जनवरी को कुत्ते कालू की मौत हो गई. डॉक्टर के परिवार ने कालू के मरने के बाद उसका अंतिम संस्कार पूरे विधि-विधान के साथ किया. उसकी रस्म तेरहवीं भी इंसानों की तेरहवीं की तरह की गई. इसके बाद कालू की तेरहवीं का आयोजन किया गया.

Last Updated : Jan 17, 2020, 12:19 PM IST

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