मुजफ्फरनगर :चर्चित रामपुर तिराहा कांड में अलग राज्य गठन की मांग को लेकर उत्तराखंड से आई आंदोलनकारी महिला से रेप हुआ था. मामले की जांच सीबीआई कर रही थी. विवेचक ने साक्ष्य पूरे कर लिए हैं. आरोपियों के अधिवक्ताओं ने गवाह से जिरह की. इसके बाद कोर्ट ने आरोपियों के बयान दर्ज करने के लिए 10 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की है. दुष्कर्म के दूसरे मामले में भी गवाह को समन जारी किया गया है.
साल 1994 में हुई थी घटना :बता दें कि 29 साल पहले अलग राज्य गठन की मांग के लिए उत्तराखंड से हजारों आंदोलनकारियों ने कार और बसों से दिल्ली के लिए कूच किया था. इन्हें थाना छपार क्षेत्र के रामपुर तिराहा पर बेरिकेडिंग लगाकर रोक दिया गया था. एक और दो अक्टूबर 1994 की रात को आंदोलन उग्र हो गया था. मामले में आरोप था कि पुलिस फायरिंग में सात आंदोलनकारियों की मौत हुई थी. इस दौरान आंदोलनकारी महिलाओं से दरिंदगी के आरोप भी पुलिस कर्मियों पर लगे थे. इसमें तत्कालीन गृह सचिव डा. दीप्ति विलास से अभियोजन स्वीकृति प्राप्त कर सभी आरोपियों के विरुद्ध मुकदमे की कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई थी.
रिटायर्ड गृह सचिव दर्ज करा चुके हैं बयान :गत 26 सितंबर को रिटायर्ड गृह सचिव ने कोर्ट पहुंचकर बयान दर्ज कराए थे. घटना के मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या सात शक्ति सिंह की कोर्ट में चल रही है. सीबीआई बनाम मिलाप सिंह मामले में शुक्रवार को भी सीबीआई के विवेचक अजय कुमार शर्मा कोर्ट में पेश हुए और सीबीआइ के लोक अभियोजक धारा सिंह मीणा ने उनका बयान अंकित कराया गया और साक्ष्य पूर्ण होने पर सीबीआइ के लोक अभियोजक धारा सिंह मीणा ने उक्त पत्रावली में अपना साक्ष्य पूरा किया गया. कोर्ट ने सरकार बनाम मिलाप सिंह मामले में आरोपियों के बयान दर्ज कराने के लिए 10 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की है. सीबीआई के लोक अभियोजक ने सरकार बनाम राधामोहन द्विवेदी वाली फाइल में साक्ष्य के लिए कोर्ट से समन जारी कराया गया और इस मामले में भी साक्ष्य के लिए 10 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की गई है.
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