भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत बोले. मुजफ्फरनगरःजनपद के महावीर चौक स्थित राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में किसानों की विभिन्न समस्याओं के समाधान को लेकर पिछले एक सप्ताह से अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है. जहां शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए सरकार को खुली चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि आगामी दस फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत एक बार फिर राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में होने जा रही है.
राकेश टिकैत ने कहा कि गूंगी बहरी हो चुकी भाजपा की योगी सरकार तक किसानों की आवाज नहीं पहुंच रही है. उन्होंने कहा कि सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए अब कुछ बड़ा करना होगा. महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में समूचे प्रदेश के किसान हिस्सा लेकर गूंगी बहरी भाजपा की योगी सरकार से समस्याओं के निस्तारण की मांग करेंगे. उन्होंने कहा कि देश के अन्नदाता कहे जाने वाले किसानों के सामने एक नहीं दो नहीं दर्जनों समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं. जिन समस्याओं से प्रदेश सरकार को कई बार अवगत कराया जा चुका है. इसके बावजूद प्रदेश सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी है. किसान हितेषी कहने वाली भाजपा की योगी सरकार अब कहां पर चली गई है. जिसे किसानों की समस्याएं नजर नहीं आ रही है.
उन्होंने कहा कि किसानों पर प्रदेश सरकार द्वारा झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. किसानों का गन्ना भुगतान एक साल बाद किया जा रहा है. इसके अलावा किसानों को बिजली फ्री देने का वादा करने के बाद किसानों की ट्यूबवेलों पर मीटर लगाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई भाजपा की दोगली नीति एवं वादा खिलाफी का प्रमाण दे रही है. सरकार द्वारा प्रदेश भर में आवारा पशुओं को छोड़कर किसानों को भारी नुकसान पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है. इसके अलावा किसानों की फसलों में इस्तेमाल होने वाले खाद के मूल्य को बढ़ा दिया गया है. साथ ही खाद के वजन को कम कर दिया गया है. इस तरह के कार्य से प्रदेशभर का किसान त्रस्त है. वहीं, गत दिवस वित्त मंत्री सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट को भी भारतीय किसान यूनियन द्वारा बेकार बताया गया है. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बजट को केवल ऊंचे लेवल के व्यापारियों एवं पूंजी पतियों का बजट बताया है. उन्होंने कहा कि बजट में केवल किसानों का कर्जा बढ़ा दिया गया है. ना कि उनको किसी योजना का लाभ दिया गया है.
राकेश टिकैत ने कहा है कि, सरकार द्वारा किसानों को कर्ज दिया जाता है. जिसकी एवज में किसानों को अपनी जमीन के कागजात गिरवी रखने पड़ते हैं. इस योजना को बढ़ाते हुए सरकार द्वारा किसानों का केवल कर्जा बढ़ा दिया गया है. सरकार कहती है कि, किसानों के हित के लिए यह बजट मील का पत्थर साबित होगा. जबकि इस बजट की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. सरकार चाहती है कि किसान अपनी जमीन गिरवी रख हमसे कर्जा ले. इसके साथ ही कर्ज न चुकाने पर किसानों की जमीन पर सरकार का कब्जा हो जाएगा. इसके बाद किसान सड़क पर आ जाएगा. अब मगर ऐसा नहीं होगा. उन्होंने कहा कि सरकार की दोगली एवं घटिया नीति को देश एवं प्रदेश की जनता समझ चुकी है. आने वाले चुनाव में सत्ताधारी सरकार को अपनी औकात याद आ जाएगी. क्योंकि इस बार देश एवं प्रदेश की जनता माननीयों के बरगलाने में नहीं आएगी और लाभकारी योजनाओं का लॉलीपॉप स्वीकार करेगी नहीं.
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