मुजफ्फरनगर: जिले की पेपर मिलों में कोयले को ईंधन के रूप में प्रयोग किया जा रहा है. पेपर मिलों के बॉयलरों से निकलने वाली इस काली राख का थाना नई मंडी क्षेत्र के गांव जाट मुझेडा के बाहरी क्षेत्र में सड़कों के किनारे डालकर खुला भण्डारण किया जा रहा है. इससे किसानों की फसलों के साथ पर्यावरण पर भी भारी प्रभाव पड़ रहा है. तेज हवा में उड़ने के कारण यह राख मानव जीवन में स्मॉग का खतरा पैदा कर सकती है.
इसको लेकर जिला प्रदूषण विभाग ने राख के खुले भण्डारण केन्द्रों को बंद किए जाने और डम्परों में एक स्थान से दूसरे स्थानों पर खुली राख ले जा जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. 15 दिन का समय देते हुए जनपद के 29 पेपर मिलों को नोटिस भेजकर सख्त हिदायत दी है. मुजफ्फरनगर के भोपा और जानसठ रोड पर स्थित पेपर मिलों पर कार्रवाई को लेकर क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कमर कस ली है.
मिलों से निकलने वाली काली राख हवा में उड़कर फसलों को नष्ट करने के साथ-साथ मानव जीवन को भी प्रभावित कर रही है. जाटमुझेडा गांव में पेपर मिलों से निकलने वाली काली राख को सड़क किनारे ही खुले स्थानों पर विशाल भण्डारण केंद्र के रूप में इकठ्ठा की गई है. सड़कों पर पड़ी यह राख राहगीरों के साथ-साथ यातायात के लिए भी घातक है. खुले मैदानों में इस राख को भंडारित किया जाना वायु प्रदूषण की रोकथाम नियमों का खुला उल्लंघन है. क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 29 पेपर मिलों को नोटिस भेजकर 15 दिनों का समय दिया है. वहीं पेपर मिलों ने मामले का निस्तारण नहीं किया तो प्रदूषण विभाग जुर्माना लगाने की कार्रवाई करेगा.