मुजफ्फरनगर: जिले के थाना पुरकाजी क्षेत्र में हत्या और लूट के जुर्म में एक 12 साल के बच्चे को पुलिस ने 15 दिन गैर कानूनी ढंग से हिरासत में रखा और फिर हत्या के मामले में जेल भेज दिया. पुलिस ने यह कदम तब उठाया, जबकि जांच के दौरान गिरफ्त में आए दो युवकों ने हत्या का जुर्म स्वीकार कर लिया था. साथ ही बच्चे के इस वारदात में शामिल नहीं होने की बात भी कही थी.
जांच अधिकारी ने किया ये खेल
पुलिस के जांच अधिकारी ने बच्चे को हत्या से पहले घटनास्थल से भागना दर्शाकर उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 411 लगा दी. बच्चे की 80 वर्षीय वृद्ध दादी पुलिस के आला अधिकारियों के चक्कर लगाती रहीं. उच्च अधिकारियों ने इस मामले की जांच उसी जांच अधिकारी को दे दी, जिसकी शिकायत बच्चे के परिजनों ने की थी. बच्चे के अधिवक्ता ने किशोर न्याय बोर्ड में प्रार्थना पत्र देकर इस केस को तलब करने का आग्रह किया है. खाकी के खेल के चलते बच्चा आज भी राजकीय सम्प्रेक्षण गृह (किशोर) नोएडा में बंद है.
यह था मामला
जिले के थाना पुरकाजी क्षेत्र में 19 अगस्त 2020 को कस्बा निवासी मयंक सिंघल गायब हो गया था. इस पर मयंक के पिता सुनील सिंघल ने 21 अगस्त को थाना पुरकाजी में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. 23 अगस्त को पुरकाजी के लक्सर रोड पर झाड़ियों में मयंक का शव बरामद हुआ था. इस पर थाना पुरकाजी में अज्ञात के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया. पुलिस ने इस मामले में 05 सितम्बर 2020 को 12 वर्षीय बच्चे को हिरासत में ले लिया. इसी बीच 13 सितम्बर 2020 को पुलिस ने मयंक की हत्या के मामले में वाजिद उर्फ बाजी और शमीम को हिरासत में लेकर पूछताछ की. इसमें वाजिद और शमीम ने मयंक की हत्या कर 54,000 रुपये लूटना स्वीकारा था. इसके बाद पुलिस ने वाजिद और शमीम को जेल भेज दिया, लेकिन पुलिस ने बच्चे गैर कानूनी रूप से हिरासत में ही रखा.