मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल बुधवार को एमपी एमएलए कोर्ट में पेश हुए. आचार संहिता उल्लंघन के मामले को कोर्ट ने सुनवाई के बाद खारिज कर दिया. यह मामला उन पर 2017 के चुनाव के दौरान दर्ज हुआ था. कोर्ट के फैसले के बाद मंत्री के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई. मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि कोर्ट ने सम्मानजनक फैसला किया है. तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार में उन पर झूठे मुकदमे दर्ज हुए थे.
मुजफ्फरनगर में किसानों ने किया प्रदर्शन
जिले के मसूरी गांव में बीस साल से चकबंदी पूरी नहीं हो पाई. इसके विरोध में बुधवार को ग्रामीण ने भाकियू नेता के साथ चकबंदी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान ग्रामीणों के साथ गांव के वर्तमान और पूर्व प्रधान भी मौजूद रहे. भारतीय किसान यूनियन के नेता विकास शर्मा ने कहा कि चरथावल विकासखंड क्षेत्र के गांव मसूरी में विगत बीस सालों से चल रही चकबंदी की प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हुई है. ग्रामीणों को तारीख पर तारीख दी जाती है.
उन्होंने कहा कि चकबंदी के अधिकारियों ने गांव में ऐलान करा दिया कि कोई भी अपनी जमीन पर पक्की फसल की बुवाई न करें. उन्होंने विभाग पर आरोप लगाया कि पूरे स्टाफ को वहां से बदला जा रहा है. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के खेत खाली पड़े हैं. जब ग्रामीण अपनी फरियाद लेकर आते है तो उन्हें अगले महीने कार्रवाई का आश्वासन देकर टाल दिया जाता है. अधिकारियों से मांग की गई कि किसानों की समस्या को सुना जाए और निस्तारण कराया जाए.
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