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एक मुहिम के जरिए पुरुषों का नशा छुड़ाएंगी महिलाएं, हर दिन 25 रुपये करेंगी चार्ज - राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत

मुजफ्फरनगर में पुरुषों का नशा छुड़ाने के लिए भाकियू राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की पत्नी सुनीता बालियान महिलाओं के नेतृत्व में अनोखी पहल की है. इस पहल के जरिए महिलाएं पुरुषों का नशा छुड़ाएंगी.

मुजफ्फरनगर में पुरुषों का नशा छुड़ाने के लिए महिला चौपाल का आयोजन
मुजफ्फरनगर में पुरुषों का नशा छुड़ाने के लिए महिला चौपाल का आयोजन

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Published : Nov 1, 2022, 10:53 PM IST

मुजफ्फरनगरः जनपद के गांव गोयला की हरी चुनरी चौपाल (Hari Chunari Choupal) में महिलाओं ने नशा छुड़ाने के लिए अनोखी पहल की है. महिलाओं ने तय किया है कि पुरुषों का नशा छुड़ाने के लिए रोज के 25 रुपए लेंगे. इसके लिए एक महीने का एडवांस खाते में जमा भी करा लेंगी. महिलाओं ने कहा कि इस तरह से नशे की आदत छुड़ाई जा सकती है.

इस भाकियू की चौपाल में सहमती बनाई गई है कि महिलाएं खर्च कम कर आमदनी बढाएंगी, बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देंगी. इसके अलावा समस्याओं को लेकर आपस में चर्चा भी करेंगी. इसमें तय हुआ कि 17 नवंबर को सिसौली में महिलाओं की एक और बड़ी पंचायत होगी. सशक्तिकरण के लिए संगठन गांव-गांव जाकर महिलाओं को शामिल भी किया जाएगा. भाकियू राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (National spokesperson Rakesh Tikait) की पत्नी सुनीता बालियान ने कहा कि वह क्रांतिकारी परिवार की महिला है. किसी भी संघर्ष से पीछे नहीं हटेंगी, उन्होंने बताया कि चौपाल में महिलाओं के सशक्तिकरण पर विचार हुआ है. गांव-गांव पहुंचकर महिलाओं को अत्याचार से मुक्ति दिलाई जाएगी.

महिला चौपाल का आयोजन

भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा महिला परिवार से लेकर किसी भी क्षेत्र में बड़ी ताकत हैं. महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना होगा. पुरुषों की नशाखोरी की आदत छुड़ानी होगी. इसका तरीका यह है कि यदि किसी घर में चार पुरुष बीड़ी व सिगरेट या अन्य दूसरा नशा करते हैं तो उस पर आने वाले खर्च के हिसाब से महिलाएं पुरुषों से जुर्माना वसूल करेंगी. ताकि पुरुष की जेब पर जोर पड़े और वह नशा छोड़ दे. गांव स्तर पर भाकियू का महिला संगठन मजबूत किया जाएगा. हर गांव में महिला चौपाल होगी. जिसमें भ्रुण हत्या जैसी कुरीतियों सहित महिलाओं की बीमारी पर भी खुलकर चर्चा होगी. महिलाओं और लड़कियों को बहुत से विषयों पर बोलने में झिझक होती है. उससे रोजमर्रा की जिंदगी में दिक्कत आती है. महिला चौपालों में इन पर चर्चा कर महिलाएं ही समस्याओं को समाधान कराएंगी.
राकेश टिकैत ने यह भी कहा की सरकार ऐसी योजना ला रही है कि अब सरसों के जर्मिनेटेड बीज को बढ़ावा दिया जाएगा. इस किस्म की सरसों स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मानी गई है. उसका तेल हर घर में प्रयोग होगा. गांव-गांव में जीएम बीज के थाने खुलेंगे. सरकार विदेशी दूध कंपनियों से समझौता की है. ये गांव में जाकर 22 रुपये लीटर दूध बेचेगी. जिससे गांव में छोटे किसानों और मजदूरों का दूध का काम समाप्त हो जाएगा.



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