मेरठ: रविवार को वेस्टर्न यूपी के मुजफ्फरनगर में होने वाली महापंचायत को लेकर मेरठ में विपक्षी दल आरएलडी, सपा व कांग्रेस पूरी तरह से संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) का खुलकर समर्थन कर रही हैं. तीनों प्रमुख पार्टियों का स्पष्ट तौर पर कहना किसान महापंचायत (kisan mahapanchayat) के बाद वेस्टर्न यूपी में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में किसानों की उपस्थिति से किसानों के गुस्से का सरकार को एहसास हो जाएगा. मेरठ में महापंचायत को लेकर ईटीवी भारत से अलग-अलग पार्टी के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी.
विपक्षी दलों ने किया किसान महापंचायत का समर्थन. आरएलडी के वरिष्ठ नेता ने ईटीवी भारत से बातचीत की. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोकदल (Rashtriya Lok Dal) हमेशा किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती है. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन का रालोद पूरी तरह से समर्थन करती आ रही है. उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में लगातार सरकार को किसान संगठनों ने आगाह किया, लेकिन सरकार ने किसानों का साथ नहीं दिया. उन्होंने कहा कि ये महापंचयत न सिर्फ ऐतिहासिक होगी, बल्कि इससे किसान एकजुटता भी दिखाएंगे. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह ने कहा कि इस महापंचायत के बाद वर्तमान सरकार को किसानों की ताकत का एहसास हो जाएगा. उन्होंने कहा कि भले ही हम किसानों के मंच पर न जाएं, लेकिन सपा से जुड़े किसान इसमें शामिल हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसानों के साथ हमेशा समाजवादी पार्टी खड़ी है. उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों से किसान तंग आ चुका है. महापंचायत के बाद भाजपा को किसानों की नाराजगी व एकजुटता की वजह से खामियाजा उठाना पड़ेगा.
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अवनीश काजला का कहना है कि पश्चिमी यूपी के किसान के साथ कांग्रेस है. उन्होंने कहा कि हम भी पहले दिन से सरकार के खिलाफ हुंकार भर रहे हैं. वहीं अपने किसानों की हर लड़ाई में उनके साथ रहे हैं. जिलाध्यक्ष ने बताया कि महापंचायत में राजनीति से उठकर उनके कार्यकर्ता भी पहुंचेंगे. इस बारे में पूरी तरह से किसान के साथ कांग्रेस है.
बहरहाल, महापंचायत को लेकर विपक्ष में जो कॉमन दिखाई दे रहा है, वो है सभी दलों का किसानों के समर्थन में होना. ऐसे में माना जा रहा है कि पश्चिमी यूपी में किसान संगठनों की एकजुटता सरकार को आइना तो दिखा ही देगी कि अभी सरकार को लेकर किसान के मन में क्या है?
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