मुजफ्फरनगरःव्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मिशन विभाग मंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल ने मंगलवार को आईआईए एवं फेडरेशन के पदाधिकारियों की शिकायत पर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को गेस्ट हाउस में बुलाया था. इस दौरान मंत्री के सामने ही उद्यमी और अधिशासी अभियंता भिड़ गए. किसी तरह मंत्री ने बीच में आकर दोनों पक्षों को शांत किया.
बता दें कि मनमाने ढंग से औद्योगिक इकाइयों की दीवार को अतिक्रमण बताते हुए उन्हें बिना किसी निशानदेही और बिना किसी नोटिस के बुलडोजर की सहायता से बीते सप्ताह तोड़ देने की शिकायत पर सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस में बैठक आयोजित की गई थे. बैठक में अधिकारी लेटलतीफी दिखाते हुए देर से पहुंचे तो उद्यमियों का उनके ऊपर गुस्सा फूट पड़ा. इस दौरान सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ने मार्च 2020 को मंत्री कपिल देव अग्रवाल को लिखा गया एक पत्र दिखाया. जिसमें लिखा था कि पूर्व में राजबाहें की जमीन को चिन्हित करवा कर यदि अतिक्रमण है तो उसे हटवाने में सहयोग करें.
मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने जब सिंचाई विभाग के अधिकारी से पूछा कि आप इस पत्र के सम्बंध में कभी मुझसे या उद्यमियों या जिलाधिकारी से मिले. इस पर अधिकारी गोलमोल बातें करनी शुरू कर दी. अधिशासी अभिंयता झूठे आरोप लगाते हुए कहने लगे कि मैंने सबको बता रखा है. इस बाबत न्यायालय में वाद लम्बित है. उन्होंने कहा कि होता रहे, स्टे नहीं है हम नहीं मानते. अधिशासी अभिंयता ने कहा कि मैंने विभागीय मजिस्ट्रेट व श्रम विभाग को तीन दिन पहले जमीन नपवाने व चिन्हित कर सम्बंधित उद्योग को बताने भेजा था. इस पर सभी उद्यमी आक्रोशित हो गए और झूठ बोलने, मनमानी व हठधर्मी करने वाले अधिशासी अधिकारी से भिड़ गए. इस दौरान मौके पर मजिस्ट्रेट व श्रम विभाग के अधिकारी को बुलाया गया तो वह भी कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए.