मुजफ्फरनगर:जिले के थाना खतौली क्षेत्र के गांव तिगरी में स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में वार्डन द्वारा नाबालिग छात्राओं के साथ की गई अभद्रता के बाद छात्राओं के परिजनों ने वार्डन के विरुद्ध जमकर प्रदर्शन किया था. परिजनों ने जिला प्रसाशन से स्कूल की वार्डन को हटाए जाने की मांग की गई थी. वहीं इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के एक अधिवक्ता राधाकांत त्रिपाठी ने मानवाधिकार आयोग में एक याचिका दायर कर नाबालिग छात्राओं को न्याय दिलाये जाने की गुहार लगाई थी.
सभी 70 नाबालिग छात्राओं को 25 हजार का मुआवजा दे सरकार: NHRC
यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में नाबालिग छात्राओं के साथ हुए व्यवहार के बाद मानवाधिकार आयोग ने इस मामले की जांच की थी, जिसमें विद्यालय की वार्डन दोषी पाई गई थी. इसी मामले में मानवाधिकार आयोग ने सरकार को आदेशित किया है कि सभी सत्तर छात्राओं को पच्चीस-पच्चीस हजार रुपये की मुआवजा राशि दी जाए.
मजिस्ट्रेट जांच में स्कूल की वार्डन सुरेखा दोषी पाई गई, जिसके चलते जिला प्रसाशन द्वारा वार्डन सहित समस्त स्टाफ कर्मचारियों को स्कूल से हटा दिया गया. इस मामले में मानवाधिकार आयोग द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार को स्कूल की पीड़ित सत्तर छात्राओं की निजता भंग को लेकर पच्चीस-पच्चीस हजार रूपये की धनराशि मुआवजे के रूप में देने के आदेश दिए हैं.
इस मामले को लेकर मानवाधिकार आयोग की जांच के बाद आयोग ने 29 दिसम्बर को मुजफ्फरनगर जिलाधिकारी को तलब किया. वहीं, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के समन्वयक पंकज वशिष्ठ का कहना है कि जैसे ही हमारे विभाग को उत्तर प्रदेश सरकार आदेशित करेगी, उसका अनुपालन करते हुए छात्राओं को मुआवजे की धनराशि वितरण कर दी जाएगी.