मुजफ्फरनगर:उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में थप्पड़ कांड मामले की जांच की जा रही है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद छात्र की काउंसिलिंग के लिए मुंबई से टाटा इंस्टीट्यूट सोशल साइंस की चार सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम रविवार को छात्र के घर पहुंची. टीम ने छात्र, छात्र के पिता और ग्राम प्रधान से पूछताछ की.
दलअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बेसिक शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर राजेंद्र सिंह और परियोजना के विशेषज्ञ गुरविंदर सिंह रविवार को टीआईएसएस की चार सदस्यीय टीम के साथ पीड़ित छात्र के गांव पहुंचे. इस चार सदस्यीय टीम में टीआईएसएस के विशेषज्ञ रथिस ऐश्वर्या, अर्पिता, अपर्णा जोशी, अब्दुल शाबान शामिल हैं. टीम ने पीड़ित छात्र के गांव खुब्बापुर पहुंचकर बातचीत की. यहां टीम ने छात्र की काउंसिलिंग की. टीम ने काफी देर तक पीड़ित छात्र के साथ बातचीत की.
बेसिक शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर और परियोजना के विशेषज्ञ ने अधिकारियों के साथ छात्र और उसके पिता इरशाद से मामले की जानकारी ली. वहीं, अधिकारियों के सवाल पूछे जाने पर छात्र के पिता ने बताया कि प्रकरण को 4 माह हो गए हैं और अभी तक आरोपी शिक्षिका के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है. पीड़ित ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में अधिकारियों ने "नेहा पब्लिक स्कूल" को बंद दिखाया हुआ है, लेकिन स्कूल अभी भी चल रहा है. विद्यालय में शिक्षिका अभी भी पढ़ा रही हैं.
दूसरी ओर प्रधान मनोज के घर पहुंचकर टीम ने बातचीत की. प्रधान ने बताया कि टीम ने यहां के माहौले के बारे में पूछताछ की. इसके अलावा सरकारी स्कूलों और मिड डे मील की जानकारी ली. ग्राम प्रधान ने बताया कि थप्पड़ कांड में शिक्षिका तृप्ता त्यागी की गलती थी और इसके लिए उन्होंने माफी भी मांगी थी. गांव में किसी भी तरह का सांप्रदायिक माहौल नहीं है.