मुजफ्फरनगर : जिले के खुब्बापुर के एक स्कूल में शिक्षिका ने टेबल याद न करने पर एक बच्चे को दूसरे बच्चों से चांटे लगवा दिए थे. मामला सामने आने पर गांव के लोगों ने हस्तक्षेप कर मामले को सुलझा दिया था. इसके बावजूद आए दिन मामले पर बयानबाजी की जा रही है. जमीयत उलेमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने भी मामले पर बयान दिया है.
दुनिया में देश का नाम खराब हुआ :अरशद मदनी ने कहा कि देश में नफरत की जड़ें काफी गहरी और मजबूत हो चुकी हैं. यह पिछले कुछ सालों में ही हुई है. महिला शिक्षिका की सोच और ऐसे कार्य से दुनिया भर में देश का नाम खराब हुआ है. मौलाना अरशद मदनी ने ट्वीट करके कहा कि स्कूलों को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है, यह वह जगह होती है और जहां देश का भाग्य लिखा जाता है. अफसोस है कि पिछले कुछ सालों से हमारे देश की आबोहवा में नफरत का जो जहर घोला जा रहा था, वह अब सिर चढ़कर बोलने लगा है. स्कूल भी इससे अछूते नहीं रह गए हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षक मां और बाप का स्थान रखते हैं और एक शिक्षक द्वारा दिल में नफरत रखते हुए मासूम बच्चे को सजा देना सिर्फ और सिर्फ जुल्म है.
महिला टीचर को खुद देनी चाहिए थी सजा :मौलाना ने कहा कि मां की गोद के बाद स्कूल ही वह स्थान है, जहां बच्चे का नैतिक प्रशिक्षण होता है. देश का दुर्भाग्य यह है कि पिछले कुछ सालों से देश में सांप्रदायिक तत्वों ने मिलकर सांप्रदायिकता और अतिवाद का जहर लोगों के दिलों दिमाग में भरा है, हमारे शिक्षण संस्थान भी अब सुरक्षित नहीं रह गए हैं. यदि बच्चे से कोई गलती हुई भी थी तो महिला टीचर मां का स्थान रखती हैं, वह बच्चे को सजा देती. ऐसा करती तो शायद इस पर कोई ध्यान भी नहीं देता लेकिन जातीय और धर्म के आधार पर बच्चों को एक-दूसरे से पिटवाना और दंडित करना गलत है.
बच्चे का नाम उजागर करने पर पत्रकार पर मुकदमा :नेहा पब्लिक स्कूल में बच्चे की पिटाई के मामले में पीड़ित बच्चे की पहचान उजागर करने के आरोप में पत्रकार मोहम्मद जुबैर पर केस दर्ज किया गया है. खुब्बापुर के रहने वाले विष्णुदत्त ने जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के अंतर्गत ये केस दर्ज करवाया है. विष्णु दत्त का आरोप है कि मोहम्मद जुबैर ने वायरल वीडियो में पीड़ित बच्चे की पहचान उजागर की है. यह काम किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत बालक के अधिकारों का हनन है.