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किसान महापंचायत में उमड़ी भीड़ से गदगद किसान मोर्चा, मंच से लगे 'अल्लाह हू अकबर, हर हर महादेव के नारे'

मुजफ्फरनगर में उमड़े लोगों के जनसमूह से गदगद किसान संयुक्त मोर्चा के नेताओं ने कहा कि सरकार कृषि कानूनों पर जिद पकड़े हुए है. लेकिन अब उन्हें समझना होगा कि किसान एकजुट है.

सरकार के खिलाफ भरी हुंकार
सरकार के खिलाफ भरी हुंकार

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Published : Sep 5, 2021, 6:34 PM IST

Updated : Sep 5, 2021, 10:42 PM IST

मुजफ्फरनगरः भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने जो वायदे किए वो पूरे नहीं किए. टिकैत ने कहा कि उन्होंने संकल्प किया है कि जबतक सरकार नहीं झुकेगी, किसान आंदोलन चलता रहेगा. उन्होंने कहा कि बैठक में पंच भी यही है मंच भी यही है. उन्होंने कहा कि कैमरा और कलम पर पहरा है.

राकेश टिकैत ने कहा कि ये दंगा करवाने वाले लोग हैं, अब किसान मोर्चा इन्हें आगे नहीं बढ़ने देगी. मुजफ्फरनगर में जिस मैदान पर किसान महापंचायत का आयोजन था, वो मैदान खचाखच भीड़ से भरा हुआ था. वहीं शहर की सड़कों पर भी लगातार किसानों की आवाजाही बनी रही. इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने एक के बाद एक मंच से सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए कहा कि सरकार को किसानों के मन की बात बात भी अब समझनी होगी.

महापंचायत में उमड़ी भीड़ से गदगद किसान मोर्चा

इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया. उन्होंने कहा कि किसानों को गन्ने का भुगतान तो समय से हो ही नहीं रहा. इस मौके पर यूपी की पूर्ववर्ती सरकारों का जिक्र करते हुए टिकैत ने कहा कि क्या यूपी में वर्तमान सरकार ही ज्यादा कमजोर है. जो वो गन्ने का एक भी रुपया नहीं बढ़ा पाया.

महापंचायत में उमड़ी भीड़

आपको बता दें कि देशभर से अलग अलग किसान संगठनों से जुड़े तमाम प्रमुख किसान नेता मंच पर मौजूद थे. टिकैत ने कहा कि उन्होंने सौगन्ध ली है कि जब तक सरकार इन तीन काले कानूनों पर पीछे नहीं हटेगी, तब तक वो अपने घर नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा कि 9 महीने से अपने घर नहीं जाएंगे.

भीड़ से गदगद किसान मोर्चा

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इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने सभी का आभार जताया. किसानों की इस महापंचायत में राकेश टिकैत ने कहा कि कैमरा ओर कलम पर भी पहरा सरकार लगा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को अब किसानों की ताकत को समझ लेना चाहिए, नहीं तो किसान अपने मन की बात सरकार को बताने को तैयार है.

टिकैत ने कहा कि भाजपा ने 450 रुपए क्विंटल गन्ना का मूल्य देने का वादा किया था, लेकिन चार साल में एक बार भी नहीं बढ़ाया गया. बारह हजार करोड़ रुपये से अधिक किसानों का चीनी मिलों पर बकाया है. उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों पर बातचीत का दरवाजा खुला है. सरकार को बातचीत की पहल करनी चाहिए. किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि सरकार 23 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद का प्रावधान करती रही है, लेकिन उसे दलहनों और तिलहनों की अधिक मात्रा में खरीद करनी चाहिए. सरकार को बाजार हस्तक्षेप योजना पर अधिक ध्यान देना चाहिए तथा आयात-निर्यात नीति को बदलनी चाहिए. इसके साथ ही मंडी में एक निश्चित मूल्य के नीचे व्यापारियों के बोली का प्रावधान नहीं होना चाहिए.

योगेंद्र यादव ने शांति के साथ आंदोलन का संकल्प व्यक्त करते हुए कटाक्ष किया कि देश में लोकतंत्र होता तो सरकार जनशक्ति को स्वीकार करती. मेधा पाटेकर ने कहा कि सरकार संविधान के खिलाफ कानून बना रही है और वह गरीबों को जीने नहीं देना चाहती है. किसान नेता शिव कुमार कक्काजी ने कहा कि किसानों के दुख दर्द को समझने वालों को किसान संगठनों के साथ बातचीत करनी चाहिए. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अच्छे मध्यस्थ हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि आंदोलन से सरकार पर दबाव बनाया जाता है, लेकिन आज तक किसी पार्टी ने किसानों का भला नहीं किया है.

Last Updated : Sep 5, 2021, 10:42 PM IST

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