मुजफ्फरनगर: जिले के जीआईसी मैदान में किसानों का आंदोलन जारी है. यहां पर लगातार किसानों के तंबूओं साथ-साथ किसानों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. बीते दिनों से किसान नेता चौधरी राकेश टिकैत अपने भाषणों में और मीडिया को दिए वक्तव्य में लगातार कहते रहे हैं, कि हरियाणा और पंजाब के लोग यहां आने के लिए तैयार बैठे हैं. उसी क्रम में गुरुवार को हरियाणा के पानीपत जिले से सोनू मालपुरिया और कई खापों के चौधरियों ने आकर अपना समर्थन दिया और कहा कि जब भी किसान भाइयों को हमारी जरूरत होगी, बस एक आवाज लगा देना. हम सब भारी भीड़ के साथ यहां मौजूद होंगे.
GIC Grounds IN CHANDAULI : किसानों के आंदोलन को पानीपत के खाप चौधरियों ने दिया समर्थन
मुजफ्फरनगर में जीआईसी मैदान में किसानों के आंदोलन को पानीपत के खाप चौधरियों ने अपना समर्थन दिया. उन्होंने कहा किसान भाइयों की एक आवाज में वह हर जगह मौजूद हो जाएंगे.
इस दौरान चौधरी राकेश टिकैत ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि अब सरकार हिंदू और सिखों को आपस में लड़ा रही है. छोटे छोटे किसान संगठन बनवा रही है. उसमे खापों को भी आपस में भिड़ाने का प्रयास किया जा रहा है. किसानों को चेताया कि जो लोग आंदोलन करेंगे, उनके घर तोड़े जाएंगे और उन्हें जेल जाना पड़ेगा और बोले कि यदि वह यह सब नहीं चाहते तो धरने से उठ कर चले जाएं और आंदोलन का रास्ता काटो भरा रहेगा. जीआईसी मेदान में किसान नेता और भकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार किसानों को तोड़ने का प्रयास कर रही है.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन में 750 शहीद किसानों के स्वजन को मुआवजा दिया गया. लेकिन यूपी के 12 किसान शहीद हुए उनके परिजन को कोई मुआवजा नहीं मिला. इसका दर्द उन्हें है. एनसीआर क्षेत्र में किसानों के ट्रैक्टर और उनकी गाड़ियां दड़ साल में रिजेक्ट करने का नियम है. कोई बता सकता है कि क्या किसान दस साल बाद फिर से नया ट्रैक्टर खरीद सकता है. कहा कि यदि सरकार ने ऐसा कोई प्रयास किया तो सबसे पहले डीएम और एसपी गाड़ी का चालान करना पड़ेगा. पुलिस की गाड़ियों का कोई इंश्योरेंस नहीं होता. देश में कानून एक समान है. किसान समझ ले कि जो भी आंदोलन में आएगा उसे नुकसान होगा. एक किसान के बारे में कहते हुए उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण ने उसको नोटिस जारी किया है कि उसका मकान ध्वस्त किया जाएगा, क्योंकि वह बिना नक्शे का बना है. उन्होंने धरने पर मौजूद किसानों से कहा कि यदि अपना घर बचाना है और जेल जाने से बचना है तो धरना छोड़कर चले जाओ और आंदोलन के रास्ते पर चलने वालों के खिलाफ मुकदमे दर्ज होंगे. इसके साथ ही उन्होंने घोषणा की दस फरवरी को सभी अपना गन्ना डीएम कार्यालय पर आकर डालेंगे.