मुजफ्फरनगर : UP Assembly Election 2022 :मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना विधानसभा में सोमवार को राष्ट्रीय लोक दल पार्टी द्वारा 2022 के चुनाव को लेकर एक 'राष्ट्रीय लोक दल आशीर्वाद पथ यात्रा रैली' का आयोजन किया गया. इसमें राष्ट्र लोकदल के प्रमुख जयंत चौधरी अपने समर्थकों को संबोधित करने पहुंचे थे. जयंत चौधरी प्राइवेट हेलीकॉप्टर से बुढ़ाना के डीएवी इंटर कॉलेज मैदान में पहुंचे. यहां उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया. राष्ट्रीय लोक दल के कार्यक्रम में पूर्व मंत्री योगराज सिंह, बसपा के पूर्व विधायक नूर सलीम राणा, पूर्व केंद्रीय मंत्री सोमपाल शास्त्री और किसान मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलाम मोहम्मद जोला भी मंच पर मौजूद रहे. मंच से राष्ट्र लोक दल के प्रमुख जयंत चौधरी ने 2022 के चुनाव से पहले अपना मेनिफेस्टो जारी करते हुए, पश्चिम उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच की स्थापना करने की बात कही.
2022 के चुनाव को लेकर जहां सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी जमीन तलाशनी शुरू कर दी है, इसी क्रम में राष्ट्रीय लोकदल पार्टी ने भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से आज चुनावी बिगुल फूंकते हुए महारैली का आयोजन किया. इस महारैली का नाम आशीर्वाद पथ यात्रा रखा गया है. रालोद सुप्रीमो जयंत चौधरी रैली को संबोधित करने पहुंचे. वहीं जयंत को सुनने के लिए जिले के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. जयंत चौधरी ने मंच से बोलते हुए कहा कि हमें लखीमपुर की घटना का बदला लेना है. लखीमपुर खीरी की घटना को हमें भूलना नहीं चाहिए. जिन किसानों ने हमारे लिए शहादत दी है उनके नाम याद रखे जाएंगे. चुनाव में जब छिपे चेहरे वोट मांगने आएं, तब इन शहीदों के नाम उन्हें बता कर लखीमपुर की घटना को याद दिलाना.
जयंत चौधरी ने कहा कि हमें लखीमपुर की घटना का बदला प्रदेश में सत्ता परिवर्तन कर रालोद की सरकार बनाकर लेना है. उन्होंने कहा कि किसानों को कुचलने वाले आतंकवादी हैं. डीएवी इंटर कॉलेज के मैदान में आयोजित आशीर्वाद पथ यात्रा के अंतर्गत हुई जनसभा में रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने रालोद का चुनावी बिगुल फूंका. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार किसानों को 6 हजार रुपये दे रही है. प्रदेश में रालोद की सरकार आने पर 12 हजार और सीमांत किसानों को 15 हजार रुपए सालाना दिए जाएंगे. राष्ट्र लोकदल के सुप्रीमो रहे चौधरी अजीत सिंह के बाद जयंत चौधरी कि 2022 के चुनाव से पहले मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना में हो रही जनसभा, पहली चुनावी जनसभा के रूप में देखी जा रही है. इसमें जाट समाज और मुस्लिम समाज की बड़ी भागीदारी 2022 के चुनाव में देखने को मिल रही है.