मुजफ्फरनगर : जिले के पुरकाजी में मदरसों को नोटिस जारी करने के मामले ने तूल पकड़ लिया. अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने भी इस पर ऐतराज जताया था. मामला जिलाधिकारी के पास पहुंचा. जिसके बाद यह नोटिस निरस्त कर दिया गया है. बीएसए ने कहा है कि नोटिस गलती से जारी हो गया था. दरअसल बीएसए शुभम शुक्ला ने मदरसों को लेकर जानकारी मांगी थी. जिसके बाद बीईओ (खंड शिक्षा अधिकारी) ज्योति प्रकाश तिवारी ने 12 मदरसों को नोटिस जारी कर मान्यता दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा था.
नोटिस पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने जताई थी नाराजगी : बीईओ के नोटिस पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अपनी नाराजगी जताई थी. मामले ने इतना तूल पकड़ा कि अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मैत्री रस्तोगी ने भी ऐतराज जताते हुए नोटिस वापस लेने की बात कही थी. बृहस्पतिवार को डीएम के आदेश पर बीएसए शुभम शुक्ला ने अधिसूचना जारी करते हुए नोटिस निरस्त कर दिया. जमीयत केप्रदेश सेक्रेटरी काजी जाकिर हुसैन कासमी के मुताबिक कुछ मदरसों से इस प्रकार के नोटिस प्राप्त होने की सूचना मिली. इस पर हमने नाराजगी जताई है और कहा है कि इसे तुरंत वापस लिया जाए, क्योंकि यह मामला अल्पसंख्यक अधिकारी के क्षेत्र में आता है.
बीएसए ने कहा- गलती से जारी हो गए थे नोटिस :इस प्रकरण पर हो रहे भारी विरोध के बीच बीएसए ने नोटिस वापस लेते हुए कहा है कि मदरसों को यह गलती से जारी हो गए थे. इस मामले में बीईओ ज्योति प्रकाश तिवारी से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है. मदरसो के मामले में निर्णय लेने का अधिकार जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कार्यालय को है, न की शिक्षा अधिकारी को. नोटिस तत्काल निरस्त कर दिए गए हैं.