मुजफ्फरनगर: जिले में वर्ष 2013 में हुए दंगे (Muzaffarnagar Riots) के दौरान आगजनी और लूटपाट के पांच आरोपी साक्ष्य न होने के कारण बरी कर दिए गए. मामले की सुनवाई बुधवार को एडीजे कोर्ट संख्या छह में हुई.
मुजफ्फरनगर में दंगे की फाइल फोटो मुजफ्फरनगर में कवाल कांड के बाद हुए दंगे के दौरान, जनपद में अलग-अलग जगहों पर आगजनी की घटना हुई थी. 8 सितंबर 2013 को फुगाना थाना के गांव बहावड़ी निवासी नानू पुत्र सुक्खन ने मुकदमा दर्ज कराया था. आरोप था कि पंचायत से लौटी भीड़ ने 7 सितंबर 2013 को उसके घर में घुसकर लूटपाट और आगजनी की थी. उसने और उसके परिवार के लोगों ने भागकर जान बचाई थी.
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नानू ने गांव के ही विनोद, कपिल, नरेश, आशीष, सुंदर और सतेन्द्र समेत अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में एसआईटी ने जांच के बाद विनोद, नरेश, सुंदर, सतेंद्र और आशीष के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी. बुधवार को मामले की सुनवाई एडीजे कोर्ट संख्या छह में हुई. दोनो पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में पांच आरोपियों को बरी कर दिया.
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