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सिसौली की पंचायत में बोले नरेश टिकैत, भाजपा नेताओं को किसी भी कार्यक्रम का न्योता नहीं देंगे किसान

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Published : Feb 18, 2021, 9:24 AM IST

Updated : Feb 18, 2021, 10:01 AM IST

कृषि कानून को लेकर चल रहे केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन को लेकर मुजफ्फरनगर के सिसौली कस्बे में बुधवार को एक मासिक पंचायत आयोजन किया गया. इस पंचायत में खाप चौधरियों के साथ-साथ जिले के कई गांव से किसान पहुंचे. वहीं इस दौरान भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि कोई भी किसान भाई किसी भी गांव में भाजपा नेताओं को शादी, विवाह व तेहरवी का निमंत्रण नहीं देगा.

भाजपा नेताओं को शादी, तेरहवी की चिट्ठी नहीं देंगे किसान .
भाजपा नेताओं को शादी, तेरहवी की चिट्ठी नहीं देंगे किसान .

मुजफ्फरनगर: जिले के सिसौली के भाकियू मुख्यालय पर ऐतिहासिक मासिक पंचायत का आयोजन किया गया था. पंचायत को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि कोई भी भाई किसी भी गांव में भाजपा नेताओं को शादी, विवाह व तेहरवी का निमंत्रण नहीं देगा. अगर कोई व्यक्ति भाजपा नेताओं को चिट्ठी देने का दोषी पाया जाता है, तो अगले ही दिन वह अपने घर पर एक सौ आदमियों का खाना बनवाएगा. यह उसके लिए दंड स्वरूप होगा.

भाजपा नेताओं को शादी, तेरहवी की चिट्ठी नहीं देंगे किसान .

नरेश टिकैत ने किया भाजपा जनप्रतिनिधियों का सामाजिक बहिष्कार
कृषि कानून बिल को लेकर पिछले 85 दिनों से गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन को और मजबूत करने के लिए पश्चिम उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में किसानों की राजधानी सिसौली कस्बे में बुधवार को एक मासिक पंचायत आयोजन किया गया. इस पंचायत में खाप चौधरियों के साथ-साथ जिले के कई गांव से किसान पहुंचे. वही पंजाब के बड़े किसान नेता बलबीर सिंह राजजेवाल व भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष राजबीर जादौन भी मौजूद रहे.

पंचायत में मंच से बोलते हुए भाकियू सुप्रीमो चौधरी नरेश टिकैत ने सरकार पर खुलकर निशाना साधा और इसी के साथ-साथ एक बड़ा बयान दिया. नरेश टिकैत ने कहा भाजपा के प्रतिनिधियों को शादी का कार्ड न दिया जाए यह आदेश है, अब से हमारा अगर कोई व्यक्ति शादी के लिए निमंत्रण देता है और वह इस निमंत्रण पर शादी में पहुंचता है, तो कार्ड देने वाले पर सौ लोगों को स्पेशल खाना देने का दंड रखा जाएगा. टिकैत ने कहा किसान आंदोलन से भाजपा पार्टी में इस समय खूब खलबली मची हुई है.

प्रत्येक गांव से एक ट्राली ओर 15 किसान 10 दिन के लिए जाएंगे गाजीपुर बॉर्डर
भारतीय किसान यूनियन की मासिक पंचायत में हजारों की संख्या में आसपास क्षेत्र के व दूरदराज से किसान पदाधिकारियों ने भाग लिया. किसान भवन पर हजारों की संख्या में मौजूद किसान पदाधिकारियों ने भाजपा के नेताओं पर जमकर भड़ास निकाली. सभी ने जमकर भाजपा नेताओं से अपना आक्रोश व्यक्त किया. आज किसान यूनियन की ऐतिहासिक मासिक पंचायत में यह निर्णय लिया गया कि प्रत्येक गांव से एक ट्राली ओर 15 किसान 10 दिन के लिए गाजीपुर बॉर्डर पर जाएंगे. पंचायत का संचालन नीटू दुलहरा ओर अध्यक्षता चरण सिंह ने की. पंचयात में प्रदेशाध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन, धीरज लाटियांन, चौधरी वीरेंदर लाटियांन, बलबीर सिंह राजेवाल, हरसौली थंबेदार सौदान सिंह, दिगम्बर सिंह, राजू अहलावत, अजय सिसौली, चौधरी मुकुल बालियान, विनय कुमार, उपेंद्र बालियान आदि शामिल रहे.

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जब तक मांगे पूरी नहीं होगी तब तक चलेगा आंदोलन
पंचायत में चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन मान सम्मान की लड़ाई हो गई है. यह हमारे किसान समाज की पगड़ी की लड़ाई है. हमें अपनी जमीन बचानी है, अपनी इज्जत बचानी है. इसलिए हम इस आंदोलन को और भी मजबूती के साथ लड़ने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में भी बीजेपी वाले बहुत जोर -जोर से जय श्रीराम के नारे लगाते हैं. जबकि श्री राम के वंशज रघुवंशी गोत्र के किसानों को दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे हुए लगभग तीन माह होने वाले हैं. मगर उनसे मिलने का समय सरकार के पास नहीं है. चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि 200 से ज्यादा किसान दिल्ली बॉर्डर पर अलग-अलग जगह से शहीद हो चुके हैं, लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार भी इन शहीदों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त नहीं की है. किसान जब तक अपनी मांगे पूरी नहीं होगी दिल्ली बॉर्डर पर डटा रहेगा और आंदोलन चलता रहेगा.

चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली के दाम पड़ोसी राज्यों से ज्यादा है. डीजल के दाम भी ,आसमान छू चुका है. ऐसे में किसान बर्बाद नहीं होगा तो और क्या होगा. बैंक के कर्ज के नीचे किसान दबा हुआ है. पिछले चार सालों से यूपी में गन्ने के रेट में भी कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है, किस प्रकार किसान अपना बैंक का कर्ज उतरेगा और कैसे अपना गुजारा करेगा.

इस आंदोलन को हम सभी मिलकर मजबूती के साथ लड़ेंगे
सिसौली पंचायत में चौधरी बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा कि 26 तारीख की घटना के बाद किसानों का मनोबल कुछ हद तक कम हो गया था. 27 तारीख को किसान चिंता में था ,उसके उपरांत 28 तारीख में मुजफ्फरनगर से सिसौली की धरती से जो आंदोलन की चिंगारी फूट कर निकली, उसने इस किसान आंदोलन को भी बचा लिया और सिखों की पगड़ी को भी बचा लिया. इसका हम एहसान ताउम्र मानते रहेंगे. इस आंदोलन को हम हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के साथ सभी मिलकर मजबूती के साथ लड़ेंगे.

भारतीय किसान यूनियन के युवा प्रभारी चौधरी दिगंबर सिंह ने कहा कि जब तक हमारी मांगे सरकार मान नहीं लेती, तब तक हम गाजीपुर बॉर्डर से वापस नहीं होंगे और अपने घर भी नहीं जाएंगे. वरिष्ठ भाकियू नेता राजू अहलावत ने कहा कि सभी कार्यकर्ता अपना एक-एक ट्रैक्टर लेकर गाजीपुर बॉर्डर पर जब तक आंदोलन खत्म नहीं हो जाता तब तक वहीं पर डटे रहेंगे.

Last Updated : Feb 18, 2021, 10:01 AM IST

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