मुजफ्फरनगर:चुनाव आचार संहिता के मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने बुधवार को दो पूर्व मंत्रियों सहित आठ नेताओं के विरुद्ध आरोप तय कर दिए हैं. इस मामले में चार अप्रैल 2023 को अगली सुनवाई होगी.
बता दें कि वर्ष 2017 में 24 जनवरी को कचहरी में एक प्रदर्शन किया गया था. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने कचहरी परिसर में नारेबाजी की थी. हंगामा करते हुए आचार संहिता का उल्लंघन किया था. इसी बीच पुलिस से नोकझोंक भी हुई थी. इसमें कांग्रेस के पूर्व मंत्री दीपक कुमार, सपा के पूर्व मंत्री उमा किरण, बसपा के पूर्व विधायक शाहनवाज राणा, लोकदल की नेता पायल माहेश्वरी, क्रांति सेना के मनोज सैनी और पूर्व प्रमुख सलमान जैदी के विरुद्ध थाना सिविल लाइन में चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज कराया गया था. एमपी एमएलए कोर्ट के जज मयंक जायसवाल ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं और अब चार अप्रैल की तारीख नियत की गई है.
अभियोजन पक्ष के अनुसार, 24 जनवरी 2017 को कचहरी में भीड़ जमाकर निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया गया था. इसमें धारा 188 के तहत 8 नेताओं के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया था. इसमें आरोप था कि 24 जनवरी 2017 को नामांकन दाखिल करने के लिए विभिन्न दलों के प्रत्याशी 100 से 125 समर्थकों की भीड़ के साथ पार्टी के झंडे लगाकर नारेबाजी करते हुए कचहरी पहुंचे थे. वहीं, उस समय जिले में धारा 144 लगी हुई थी. पुलिस ने जुलूस और भीड़ की वीडियोग्राफी के बाद प्रत्याशियों के खिलाफ धारा 144 एवं आचार संहिता उल्लघंन का मुकदमा कायम कराया था. वहीं, एक अन्य मामले में गैर इरादतन हत्या के आठ साल पुराने मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने तीन आरोपियों को दोषी ठहराया है. इसमें कोर्ट ने तीनों दोषियों जोकि पिता, पुत्र और एक अन्य को दस साल कैद की सजा सुनाई है.