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दीपावली पर मिलावटी रसगुल्ले बेचने की थी तैयारी, छापे में खुला खेल - मुजफ्फरनगर में नकली रसगुल्ला

मुजफ्फरनगर में दीपावली के मौके पर बड़े पैमाने पर मिलावटी रसगुल्ले बेचने की तैयारी हो रही थी. खाद्य विभाग की टीम ने छापा मारकर पूरे खेल का खुलासा कर दिया. साथ ही मिलावटी रसगुल्ले नष्ट करा दिए.

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मुज़फ़्फ़रनगर में नक़ली रसगुल्ला फैक्ट्री में छापा। प्रशासन हुआ अलर्ट

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Published : Oct 20, 2022, 3:12 PM IST

मुजफ्फरनगर: चरथावल के गांव कुल्हेड़ी में एसडीएम ने छापेमारी कर चोरी छिपे तैयार किये जा रहे 200 कुंतल मिलावटी रसगुल्ले (adulterated rasgulla) नष्ट करा दिए. खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग (Food and Drug Administration) की टीम ने रसगुल्लों की सैंपलिंग की.

दो दिन पहले खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग ने गांव भैंसरहेड़ी में खोआ बनाने वाली 4 इकाइयों पर छापेमारी की थी. इस दौरान 35 कुंतल से अधिक सिंथेटिक खोआ जब्त कर नष्ट करा दिया गया था जबकि मौके से वनस्पति घी तथा अन्य खाद्य सामग्री के सैंपल लेकर परीक्षण के लिए भेज दिये गए थे, इनके अलावा अलग-अलग दुकानों पर छापेमारी करते हुए दूध, और उससे बनने वाले पदार्थों सहित बेसन, आदि के भी सैंपल लिए गए हैं.

चरथावल थाना क्षेत्र के गांव कुल्हेड़ी में सिंथेटिक रसगुल्ले बनाने का काम काफी पहले से हो रहा था. खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम को इसकी सूचना लगी. दरअसल, दो दिन पहले सोशल मीडिया पर कुल्हेड़ी के रसगुल्ले जग जाहिर हैं, कर एक पोस्ट वायरल हुई थी. इसके माध्यम से दिवाली पर कुल्हेड़ी में बड़े पैमाने पर सिंथेटिक और अखाद्य रसगुल्ले तैयार कर आसपास के जनपद और राज्यों में सप्लाई करने की जानकारी दी गई थी. इसे एसडीएम सदर परमानंद झा ने संज्ञान लिया.

बुधवार को एसडीएम सदर भारी फोर्स के साथ गांव कुल्हेड़ी पहुंचे और रसगुल्ले बनाने वाली इकाई की जांच की. एसडीएम सदर के मुताबिक वहां पर बड़े पैमाने पर अखाद्य रसगुल्ले बनते मिले. उन्होंने बताया कि खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाकर बनाए गए रसगुल्लों और प्रयुक्त सामग्री की सैंपलिंग कराई गई. उन्होंने बताया कि रसगुल्ले बनाने में जिस बर्तन का उपयोग हो रहा था उनमें जंग लगी थी, साथ ही मक्खी और मच्छर गिरए हुए थे. करीब 200 कुंतल मिलावटी रसगुल्लों को नष्ट कराया गया. गांव में ही जेसीबी से गड्‌ढा खोदकर रसगुल्ले नष्ट करा दिये गए. इसकी सप्लाई मुजफ्फरनगर से उत्तराखंड तक होती थी.


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