मुजफ्फरनगर: जिले के चरथावल कस्बे से करीब 17 साल पहले घर से बिना बताए चला गया युवक अचानक गुरुवार रात वापस घर लौट आया. युवक को देखकर परिजन भावुक हो गए और सकुशल अपने लापता बेटे को देखकर परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.वहीं लापता बेटे के जिंदा होने की आस छोड़ चुके परिजनों ने उसे सही सलामत अपने सामने देखकर अल्लाह का शुक्रिया अदा किया. वहीं युवक को देखने के लिए मोहल्ले के लोगों के अलावा रिश्तेदारों के आने का सिलसिला बना हुआ है.
मुजफ्फरनगर: 17 साल पहले लापता हुआ बेटा आधी रात को पहुंचा घर
मुजफ्फरनगर के चरथावल कस्बे से लगभग 17 साल पहले घर से बिना बताए चला गया युवक अचानक गुरुवार रात वापस घर लौट आया. सकुशल अपने लापता बेटे को देखकर परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. वहीं वापस लौटे युवक से ईटीवी भारत ने बातचीत की तो उसने बताया कि वह मुम्बई जाकर नौकरी करने लगा था, अब घर की याद अधिक आने लगी तो वह वापस घर लौट आया.
17 साल पहले लापता हुआ बेटा आधी रात को पहुंचा घर, देखकर भावुक हो गए परिजन
जानिए क्या है पूरा मामला
- चरथावल कस्बे के मौहल्ला मुस्लिम तगायान निवासी याकूब ने बताया कि वह गाजियाबाद के लोनी में किराए के मकान में रहकर परिवार के साथ गुजर बसर कर रहा था.
- तभी करीब 17 साल पहले किसी बात से नाराज होकर उसका बड़ा बेटा इंतजार बिना बताए घर से कहीं चला गया था.
- उस वक्त उसके बेटे इंतजार की उम्र लगभग 17 साल थी.
- उसके बिना बताए घर से जाने के बाद परिजनों ने उसकी काफी तलाश की लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला.
- बाद में वह अपने गांव वापस चरथावल जाकर रहने लगे .कई साल बाद एक दिन एक ट्रक चालक ने परिजनों को युवक की मौत की सूचना दी, लेकिन परिजनों को उसकी बात पर यकींन नहीं हुआ.
- परिजनों का कहना है कि उन्होंने इंतजार के मुंबई में होने की चर्चा पर वहां भी उसे खूब तलाश किया लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला.इसी बीच बेटे के सदमे में मां ने दम तोड़ दिया.
- बीती रात करीब साढ़े बारह बजे इंतजार वापस अपने घर पहुंचा और घर का दरवाजा खटखटाया, दरवाजा इंतजार के पिता याकूब ने खोला.
- पहली नजर में पिता अपने बेटे को पहचान नहीं सका, लेकिन जब इंतजार अपने हाथ पर जले-कटे का निशान दिखाया तब जाकर पिता ने उसे पहिचाना और अपने गले लगा लिया.
- पिता याकूब का कहना है कि वह हमेशा अल्लाह से उसकी सलामती की दुआ करते थे.
- वहीं युवक इंतजार का कहना है कि वह मुम्बई जाकर नौकरी करने लगा था, अब घर की याद अधिक आने लगी तो वह वापस घर लौट आया.