चन्दौली: लोकसभा से बीजेपी ने पार्टी के यूपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेंद्र नाथ पांडेय को फिर से टिकट दिया है. इस बार उनकी टक्कर बीएसपी और सपा से अलग- अलग नहीं बल्कि उस गठबंधन से है जिसमें दोनो दल एक साथ हैं. चुनावी पंडित इस बात को मान रहै हैं कि सपा और बसपा के एक साथ आने से तैयार जातीय आकंड़ों के अनुसार वर्तमान लोकसभा चुनाव में चंदौली लोकसभा की राह बीजेपी के लिए कठिन होने वाली है.
चन्दौली लोकसभा से इस बार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेन्द्रनाथ पांडेय को गठबंधन सेकड़ी टक्कर मिलनेवालीहै. यहां से कांग्रेस ने अपना कोई भी प्रत्याशी नहीं उतारतेहुएजनाधार पार्टी के उम्मीदवार शिवकन्या कुशवाहा को समर्थन दिया है. वहीं दूसरी तरफ सपा और बसपा का गठबंधन है जोअपने कैडर वोट के जरिए बीजेपी को कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार है. इन आंकड़ों को लेकरचुनाव विश्लेषक के तौर पर सकलडीहा पीजी कॉलेज के पॉलिटिकल साइंस के विभागाध्यक्ष डॉ. ए के उपाध्याय बताते हैं कि पिछली बार मोदी लहर के चलते कई सीटों पर बीजेपी ने काफी अंतर से जीत दर्ज की थी. लेकिन इस बारसपा-बसपा का गठबंधन बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बन रहा है.
डॉ ए के उपाध्याय ने कहाकि पिछलेसमय में सांसद डॉ. महेन्द्रनाथ पांडेय द्वारा विकास के लिए किए गए शिलान्यास और लोकार्पण उनके पक्ष में जा सकता है औरबीजेपी का बूथ मैनेजमेंट भी उनके लिए बेहतर साबित हो सकता है. फिर भी उनका यही मानना है कि इस बार सपा - बसपा गठबंधन के चलते सामने आ रहे जातीय आकंड़े चुनाव में जातीय समीकरण को काफी प्रभावशाली बनाएंगे.